गहलोत बोले- आईसीयू, वेंटिलेटर्स और ऑक्सीजन बेड बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखें, जयपुर में 1 हजार बेड्स बढ़ाए जाएं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार देर रात अपने निवास पर कोरोना की स्थिति और रोकथाम की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने ऑक्सीजन युक्त, आईसीयू और वेंटिलेटर्स युक्त बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने में कोई कमी नहीं रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर और अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर पूरे संभाग से लोग उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में वहां चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही जयपुर में प्राथमिकता से ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर्स के एक हजार बेड्स अतिरिक्त बढ़ाए जाएं।
मृत्यु दर को नियंत्रित और रिकवरी रेट को बेहतर रखने में कामयाब
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि लगातार प्रयासों के चलते मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं। प्रदेश में सितम्बर माह में अब तक मृत्यु दर 0.9 प्रतिशत से भी कम रही है। अगस्त माह में भी यह 1 प्रतिशत से कम थी। वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत है, जो कि न सिर्फ राष्ट्रीय औसत बल्कि दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से कम है। इसी तरह रिकवरी दर 83 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत के साथ-साथ कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से बेहतर है।
गहलोत ने प्रदेश के 11 जिला मुख्यालयों पर लगाई गई धारा 144 के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इसकी सख्ती से अनुपालना हो। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों में भी सरकार ऐसा कदम उठाने से नहीं हिचकेगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह को निर्देश दिए कि धारा 144 की पालना के लिए पुलिस स्थान विशेष को चिन्हित करके फ्लैग मार्च निकाले।
बैठक में बताया गया कि कोविड-19 से संक्रमित जिन रोगियों को बेड्स की आवश्यकता है। उनकी तत्काल मदद करने के लिए ‘मुख्यमंत्री हैल्पलाइन 181‘ प्रारम्भ कर दी गई है। गहलोत ने इस व्यवस्था को 24×7 चाक-चौबंद रखने के साथ ही हेल्पलाइन पर होम आइसोलेशन और एसिम्प्टोमेटिक रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। अरोरा ने बताया कि पहले दिन 17 रोगियों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर मदद चाही, जिनको वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल सहायता उपलब्ध कराई।