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परीक्षा देने वाले कैंडिडेट की मांग- डबल ग्रेजुएट कैंडिडेट के अंक भार को लेकर जारी विरोध खत्म हो

राजस्थान सरकार जल्द ही रीट-2020 का आयोजन करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर गुरुवार को जयपुर में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में बैठक भी हुई। इस महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी राज्य सरकार से डबल ग्रेजुएशन कैंडिडेट के अंक वेटेज के विरोध को दूर करने का भी आग्रह कर रहे हैं।

अभ्यर्थियों ने सीएम अशोक गहलोत को भी इस संबंध में एक पत्र भेजा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक अध्यापक सीधी भर्ती लेवल 2 (रीट 2020) में डबल ग्रेजुएशन कैंडिडेट के अंक भार की गणना की शर्तों को जारी की जाने वाली विज्ञप्ति में ही स्पष्ट कर दिया जाए।

इसलिए हो रही है अभी से मांग
अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा राजस्थान प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय तृतीय श्रेणी अध्यापक सीधी भर्ती-2018 के अंतर्गत टीएसपी व नॉन टीएसपी क्षेत्र में लेवल-द्वितीय के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिए 31 जुलाई 2018 को विज्ञप्ति जारी कर ऑनलाइन आवेदन मांग गए थे। विज्ञप्ति के अनुसार, ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अगस्त 2018 थी। इस तिथि तक शैक्षिक व प्रशैक्षिक योग्यता एवं अन्य निर्धारित मिनिमम क्वालिफिकेशन हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया।

शिक्षक भर्ती-2018 के अंतर्गत चयनित कई अभ्यर्थियों द्वारा पूर्व में ग्रेजुएशन किए जाने के बाद दुबारा संबंधित विषय (जो कि अभ्यर्थियों द्वारा रीट में चुना गया) में 3 वर्ष की ग्रेजुएशन डिग्री पास की गई है। सरकार द्वारा विभाग विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से ऐसे अभ्यर्थियों के अंक भार की गणना के संबंध में किसी प्रकार की कोई शर्त अंकित नहीं की गई। केवल इसी एक विरोध के कारण संबंधित जिला परिषदों द्वारा ऐसे अभ्यर्थियों को लगभग 2 साल से नियुक्ति से वंचित रखा गया है।

अब अभ्यर्थी नई रीट में यह चाहते हैं
अभ्यर्थियों का कहना है कि रीट 2018 की विज्ञप्ति में समतुल्य परीक्षा शब्द का प्रयोग किया गया है। यानी जिस अभ्यर्थी ने पहले ग्रेजुएशन के बाद संबंधित विषय में पूरा 3 साल का स्नातक(द्वितीय स्नातक) कर रखा है,उसे भी अतिरिक्त ग्रेजुएशन के समान मान कर ही पूरी कार्यवाही की जानी चाहिए। अब अभ्यर्थी चाहते हैं कि ऐसी विसंगति रीट 2020 में न हो। इसलिए सरकार पहले ही सभी बिंदुओं को स्पष्ट रूप से विज्ञप्ति में जारी करें।

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