20 जून से मिलेगा क्वैराला पंपिंग योजना का पानी
चंपावत। चंपावत क्षेत्र के लिए राहतभरी खबर है। क्वैराला पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति 20 जून से शुरू हो जाएगी। जल निगम का कहना है कि ट्रायल की सफलता के बाद ये निर्णय लिया गया है। इसी के साथ लोगों को पेयजल किल्लत से निजात मिलेगी। अगले एक साल तक योजना के संचालन का जिम्मा भी जल निगम का रहेगा।
चंपावत शहर के लिए चंपावत पुनर्गठन पेयजल योजना (क्वैराला पंपिंग योजना) का काम अगस्त 2016 में शुरू होकर इस साल मार्च में पूरा किया गया था। 30.88 करोड़ रुपये की इस योजना से 30 वर्षों तक 29 हजार लोगों की प्यास बुझेगी। 17 किलोमीटर लंबी पेयजल लाइन वाली इस योजना का 20 अप्रैल से ट्रायल शुरू हुआ। इसमें पेयजल लाइन के लीकेज, अन्य गड़बड़ियां, पंप की जांच, लाइन के दबाव की क्षमता, टैंकों तक पानी पहुंचने, गंदे पानी को साफ करने सहित कई बिंदुओं की जांच की गई। ट्रायल सफल रहने के बाद पेयजल आपूर्ति का फैसला लिया गया है।
निगम के एई नरेंद्र मोहन जोशी का कहना है कि ट्रायल के सफल होने पर एक साल तक जल निगम की बिजली और यांत्रिक विंग योजना का संचालन करेगी। फिलहाल जल संस्थान की पुरानी लाइनों से ही पेयजल वितरण का काम होगा। बाद में निगम नई लाइन के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजेगा।
चंपावत क्षेत्र के लिए निर्मित क्वैराला पंपिंग योजना का ट्रायल सफल रहा। योजना से इसी माह से पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए निगम ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। वीके पाल, ईई, पेयजल निगम, चंपावत।
23.60 लाख लीटर की जगह नौ लाख लीटर मिल रहा पानी
एक दिन छोड़कर मिल रहा पानी, चार स्रोतों में 30 प्रतिशत तक आई गिरावट
चंपावत। चंपावत के शहरी क्षेत्र की 16 हजार की आबादी को इस वर्ष गर्मी में 13 अप्रैल से रोजाना पानी नहीं मिल रहा है। नलों से मिलने वाले पानी की आपूर्ति एक दिन छोड़कर हो रही है। जल संस्थान के ईई विलाल युनूस का कहना है कि चंपावत में रोजाना 23.60 लाख लीटर पेयजल की जरूरत है लेकिन इस वक्त नौ लाख लीटर से भी कम पानी मिल रहा है। अपर सहायक अभियंता परमांनद पुनेठा का कहना है कि भीषण गर्मी से 11 में से चार (रौखेत, च्यूराखर्क, ललुवापानी और सिमाल) जल स्रोतों में 30 प्रतिशत की कमी आई है।