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सौर ऊर्जा प्लांट से छटेगा चंपावत का अंधेरा

चंपावत। यहां बन रहे सौर ऊर्जा के पावर प्लांट से जिले में बिजली की कमी दूर हो जाएगी। कुल 4.50 मेगावाट क्षमता के इस प्लांट से पर्यावरण के अनुकूल बिजली का उत्पादन होगा और 30 स्थानीय लोगों को स्वरोजगार भी मिलेगा। करीब 28 करोड़ रुपये लागत से बने इस प्लांट से उत्पादित बिजली को 25 साल तक ऊर्जा निगम खरीदेगा। इसके लिए प्लांट को ऊर्जा निगम के ग्रिड से जोड़ा जाएगा।

सौर ऊर्जा योजना के तहत खेतीखान क्षेत्र के कमलेख गांव में 4.50 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके लिए 14 हेक्टेयर जमीन निजी कंपनी ने 30 साल के लिए पट्टे पर ली है। पिछले साल से शुरू इस परियोजना का काम पूरा होने वाला है। इसके लिए तीन ट्रांसफार्मर भी लगाए जा चुके हैं। यहां उत्पादित बिजली को ऊर्जा निगम खरीदेगा। इसके लिए निजी कंपनी का ऊर्जा निगम से पीपीए (बिजली खरीद अनुबंध) हुआ है। कंपनी को पट्टे पर जमीन देने वाले ग्रामीणों को प्रति नाली 1800 रुपये सालाना की आय होगी। हर पांच साल में इस राशि में दस प्रतिशत बढ़ोतरी होगी।

चंपावत में 65 लाख यूनिट की सालाना खपत
चंपावत। चंपावत जिले में हर साल बिजली की 65 लाख यूनिट से अधिक की खपत होती है। मांग के सापेक्ष करीब 12 प्रतिशत बिजली की कमी होती है। इस सौर ऊर्जा प्लांट से बिजली की मांग-पूर्ति का असंतुलन दूर होगा और अतिरिक्त बिजली की बिक्री से ऊर्जा निगम की आय बढ़ेगी।
ये होंगे लाभ
बिजली की कमी से निजात मिलेगी।
अतिरिक्त बिजली नेशनल ग्रिड में भेजी जाएगी।
30 स्थानीय लोगों को स्वरोजगार भी मिलेगा।
जमीन पट्टे पर देने के एवज में प्रति नाली 1800 रुपये मिलेंगे।
कमलेख में निर्माणाधीन सौर ऊर्जा प्लांट अंतिम चरण में है। कंपनी की ओर से प्लांट से उत्पादित बिजली को ग्रिड तक पहुंचाने के ट्रायल की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कंपनी ने निगम से शटडाउन का आग्रह किया है। निगम सभी परिस्थितियों को देखते हुए जल्द ही शटडाउन देगा। – एसके गुप्ता, ईई, ऊर्जा निगम, चंपावत

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