वैज्ञानिक शोधों, अनुसंधानों, विकास के क्षेत्र में वाडिया इंस्टीट्यूट का योगदान अहम
वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी का स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट ) के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि हिमालयी राज्यों को लेकर वैज्ञानिक शोध करने के साथ ही भूस्खलन, हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर अध्ययन करने व इन आपदाओं के न्यूनीकरण को लेकर संस्थान के वैज्ञानिकों का योगदान अतुलनीय है।
संस्थान के निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने कहा कि वाडिया इंस्टीट्यूट की स्थापना साल 1968 में दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के तहत हुई थी। 1976 में संस्थान को देहरादून स्थानांतरित किया गया। उन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए हर साल दिए जाने वाला प्रो. आरसी मिश्रा अवार्ड डॉ. आशुतोष पांडे एवं डॉ. एन प्रेमजीत सिंह को संयुक्त रूप से प्रदान किया। इतना ही नहीं पिछले साल रैणी आपदा से संबंधित शोधपत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ शोधपत्र अवार्ड डॉ. कालाचांद सांई, डॉ. अमित कुमार, डॉ. मनीष मेहता, डॉ. अक्षय वर्मा, डॉ. समीर तिवारी, डॉ. पुरुषोत्तम कुमार गर्ग, डॉ. विनीत कुमार, डॉ. एसके राय, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव एवं डॉ. कौशिक सेन को प्रदान किया गया। संस्थान का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार कार्यालय अधीक्षक संजय कुमार श्रीवास्तव को दिया गया है। समारोह में डॉ. तलत अहमद, रजिस्ट्रार पंकज कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विक्रम गुप्ता, डॉ. आरजे पेरुमल, डॉ. आरके सहगल समेत तमाम वैज्ञानिक उपस्थित थे।