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शिक्षा के ढांचे का विकास किए बिना सफल नही होगा नीति का उद्देश्य

नैनीताल। दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर रश्मि रावत का कहना है कि सार्वजनिक शिक्षा ढांचे के समुचित विकास के बगैर नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव नहीं होगा। उन्होंने यहां आयोजित तीन दिवसाय शैक्षिक ई दखल संवाद में बतौर मुख्य वक्ता यह बातें कहीं।

शुक्रवार को शिक्षा और सामाजिक सरोकारों पर आयोजित यह संवाद गूगल मीट, शैक्षिक दखल के यू-ट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर भी लाइव किया गया। ई दखल संवाद के पहले दिन राजीव जोशी ने संवाद के उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पढ़ने-लिखने की संस्कृति को बढ़ावा देती बाल पाठक प्रोत्साहन योजना के शुरुआती अनुभवों को भी साझा किया जाएगा। मुख्य वक्ता प्रो. रश्मि रावत ने ‘नई शिक्षा नीति, संभावनाएं और सीमाएं’ विषय पर व्याख्यान दिया और खुद के अनुभव साझा किए।

इससे पूर्व रेखा चमोली ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। पहले सत्र में उठे प्रश्नों का संकलन एवं प्रश्नकाल का संचालन प्रदीप बहुगुणा ने किया। लगभग दो घंटे तक चले इस संवाद में डॉ. महेश बवाड़ी, महेश पुनेठा, डॉ. दिनेश कर्नाटक, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ. दिनेश जोशी, निर्मल नेवलिया और विनोद बसेड़ा ने सहयोग किया। संवाद की इस वेबिनार में देश भर से सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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