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राखियां बनाने का दिया प्रशिक्षण

एकेश्वर में स्थानीय बच्चों को चार दिवसीय कार्यशाला में राखियां बनाए जाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान बच्चों ने मौली, तिल, झंगोरा, कोदा, देवदार, चावल, सुपारी आदि से राखियां बनाई। बच्चों द्वारा तैयार राखियों की प्रदर्शनी जीआईसी व जीजीआईसी एकेश्वर में लगाई गई।

एकेश्वर के जीआईसी सभागार में दगड्या संस्था की ओर से चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांवों से छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। संस्था के संयोजक आशीष नेगी ने बच्चों को कमल के बीज, रुद्राक्ष, मौली, तिल, झंगोरा, कोदा, देवदार, चावल, सुपारी, राई व सरसो से राखी बनाना सिखाया। जिसके बाद बच्चों ने बड़ी संख्या में राखियां बनाई। इस मौके पर आशीष नेगी ने बताया कि आर्गेनिक रुप से तैयार इन राखियों से रिश्तों के साथ-साथ प्रकृति को संवारने में अहम योगदान मिलेगा। कहा प्राकृतिक पेड़-पौधों से तैयार रा‌‌खियों के टूटने से जब उनके बीच भूम‌ि में गिरेंगे, तो वह नए पौधे के रुप में पर्यावरण को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा तैयार आर्गेनिक राखियों को लोगों को दिया जाएगा। इससे एकत्र धनराशि का सदुपयोग बच्चों की शिक्षा में किया जाएगा। बच्चों द्वारा तैयार राखियों को जीजीआईसी व जीआईसी एकेश्वर में प्रदर्शित भी किया गया। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक सुनील रावत, स्नेहा, सुरभि, सपना, ऋतु, नीरज, पंकज, इशांत, प्रियांशु, खुशी, कविंद्र, संजना, पहल आदि मौजूद रहे।

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