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ओप्पो इंडिया ने केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ गठबंधन किया

वाराणसी: ओप्पो इंडिया ने वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने में मदद करने के लिए केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ गठबंधन किया है। यह प्रयास इस बोध के साथ शुरू हुआ कि कोसरा क्षेत्र में वंचित वर्ग के बच्चों को अपनी वित्तीय असमर्थता के कारण अपने गाँव में अध्ययन के आधुनिक उपकरण और डिजिटल शिक्षा का ढांचा उपलब्ध नहीं हो पाता। इस कार्यक्रम के साथ, ओप्पो का उद्देश्य समाज के विशेष वर्गों को उपलब्ध सीखने के अवसरों की असमानता को दूर करना है। बच्चों को टेक्नॉलॉजी की उपलब्धता प्रदान करके ओप्पो भारत की अगली पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

इस सहयोग के बारे में श्री विवेक वशिष्ठ, वाईस प्रेसिडेंट, पब्लिक अफेयर्स, ओप्पो इंडिया ने कहा, ‘‘युवा केंद्रित और सामाजिक रूप से जिम्मेदार ब्रांड के रूप में ओप्पो सदैव शिक्षा के द्वारा बच्चों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बच्चे हमारे देश्ज्ञ की सबसे बड़ी संपदा हैं, और हमें ग्रामीण इलाकों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त करने में बच्चों को होने वाली परेशानी का अहसास है। अध्ययन के अवसरों की एक समान उपलब्धता में हमारे विश्वास ने हमें केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ गठबंधन करने के लिए प्रेरित किया। यह संगठन समाज के वंचित वर्गों का उत्थान करने के लिए काम कर रहा है। इस कार्यक्रम द्वारा हमारा उद्देश्य राउंडटेबल अभिनव विद्यालय को अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में मदद करना है, ताकि सभी को शिक्षा के समग्र अवसर मिल सकें।

प्रोफेसर अजीत त्रिपाठी, मैनेजिंग ट्रस्टी, केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट ने कहा, ‘‘केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट में हमारा उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित ग्रामीण समुदायों के बच्चों को अच्छी गुणवत्ता की आधुनिक शिक्षा प्रदान करना है। ओप्पो मोबाईल्स इंडिया द्वारा सीएसआर अभियान के तहत हमारा सहयोग करने के लिए मैं उनका आभारी हूँ। हमें विश्वास है कि यह साझेदारी वंचित बच्चों को शिक्षा की उपलब्धता बढ़ाएगी और टेक्नॉलॉजी प्राप्त होने से वो प्रतिस्पर्धी दुनिया में आगे बढ़ने में समर्थ बनेंगे।’’

बच्चों के लिए ग्रामीण इलाकों में स्कूलों का दूर होना, शिक्षा की खराब गुणवत्ता, और डिजिटल ढाँचा उपलब्ध न होना मूलभूत शिक्षा प्राप्त करने की मुख्य बाधाएं हैं। केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ ओप्पो के सहयोग का उद्देश्य जड़ में जाकर इन चुनौतियों का समाधान करना है। ओप्पो में हमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के उन प्रोफेसर्स की कल्पना से प्रेरणा मिली, जिन्होंने इस संगठन की स्थापना की और जो उन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं, जिन्हें अपनी वित्तीय या सामाजिक स्थिति के कारण गुणवत्तायुक्त आधुनिक शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पाती। कोसर, वाराणसी में राउंड टेबल अभिनव विद्यालय केसरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट का एक प्रयास है, जो प्रि-नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है। इस साझेदारी के तहत ओप्पो ने एक कंप्यूटर लैब स्थापित की है और स्कूल में टीचर्स का सहयोग करने के लिए ओप्पो पैड टैबलेट्स वितरित की हैं। इसके अलावा, ओप्पो दूर स्थित बच्चों को स्कूल पहुँचाने के लिए एक स्कूल बस प्रदान कर रहा है, ताकि उनका आवागमन सुगम हो और उन्हें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके। ओप्पो ने एन्डोमेंट फंड में योगदान देकर स्कूल की संचालन की लागत कम करने का संकल्प भी लिया है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करना और उन्हें एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. रजनी कांत भी मौजूद थे, जो महिलाओं और बच्चों, हथकरघा बुनकरों, कारीगरों और सीमांत किसानों के उत्थान के लिए अनेक विकास कार्यों जैसे उन्हें मूलभूत शिक्षा प्रदान करने वाले सेल्फ-हैल्प समूहों, उनकी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए जीआई रजिस्ट्रेशन एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों, कौशल विकास एवं डिजिटल अभियानों में पूर्ण सामुदायिक प्रतिभागिता के साथ पिछले पच्चीस सालों से सहयोग कर रहे हैं।

यह सहयोग अपने विभिन्न अभियानों द्वारा भारत को अपना योगदान देने की ओप्पो की विरासत का एक अंग है। ओप्पो ने पर्यावरण की परियोजनाओं में अपना सहयोग देने के लिए यूएनडीपी के साथ साझेदारी की और कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ब्रेदिंग मशीनें, और ओप्पो बैंड वितरित करके देश का सहयोग किया। साथ ही ओप्पो एलिवेट और जीनियस+ जैसे कौशल विकास के कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है, ताकि देश की प्रतिभाएं टेक्नॉलॉजिकल इनोवेशन को आगे बढ़ाने में मदद कर सकें।

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