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नई तबादला नीति के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ हुआ मुखर

नई तबादला नीति को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ मुखर होने लगा है। शिक्षकों को कहना है नई तबदाला नीति के लागू होने से उन्हें पूरी सेवा दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में ही देनी होगी। इसके साथ ही शिक्षकों ने वर्ष 2018 से पहले की कोटिकरण व्यवस्था लागू करने की मांग की है।

प्राथमिक शिक्षक संघ की विकासनगर ब्लॉक इकाई ने शुक्रवार को बैठक कर इस आशय का ज्ञापन शिक्षा मंत्री को प्रेषित किया। शिक्षक संघ के ब्लॉक मंत्री कमल सुयाल ने नई शिक्षा तबादला नीति के मसौदे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि शिक्षकों के लिए दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में 23 साल की सेवा अनिवार्य किया जाना उनके व्यक्तिगत हितों का हनन है। कहा कि वर्तमान में अधिकांश शिक्षक 20 से 25 साल की सेवा करते हैं। ऐसे में शिक्षकों को अपनी पूरी सेवा दुर्गम श्रेणी के विद्यालयों में ही करनी पड़ेगी, जिससे उनकी पारिवारिक जिम्मेदारियां प्रभावित होंगी। कहा कि नई तबादला नीति में देहरादून जिले के सिर्फ कालसी और चकराता ब्लॉक को ही दुर्गम श्रेणी में लिया जा रहा है। विकासनगर समेत अन्य ब्लॉक सुगम किए जा रहे हैं। विकासनगर ब्लॉक के कई प्राथमिक विद्यालय भौगोलिक परिस्थितियों के तहत दुर्गम श्रेणी में आते हैं। कहा कि सभी शिक्षक नई तबादला नीति के मसौदे पर कड़ी आपत्ति दर्ज कर रहे हैं। ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण वर्मा ने कहा कि वर्ष 2018 से पहले की कोटिकरण व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए, जिसमें दुर्गम और सुगम विद्यालयों को श्रेणियों में बांटा गया था। इस व्यवस्था के तहत सभी शिक्षकों को प्रत्येक श्रेणी के विद्यालय में सेवा समय निर्धारित किया जाना चाहिए। कोषाध्यक्ष मधु पटवाल ने कहा कि विकासनगर ब्लॉक के रुद्रपुर और लांघा संकुल के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। जबकि प्राथमिक विद्यालय बैरागीवाला समेत मैदानी क्षेत्र के कई अन्य विद्यालयों में भी छात्र अनुपात में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। सभी विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए, जिससे कि विद्यालयों में शिक्षण सुगम हो सके। इस दौरान सुधीर तोमर, अतुल चौहान, योगेश गुप्ता, गुलाब सिंह, बलवीर सिंह, बनीता राणा, दीपा रानी आदि मौजूद रहे।

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