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आज मथुरा में रालोद की किसान पंचायत, सपा ने समर्थन दिया खुद पर लाठीचार्ज को जयंत चौधरी ने किसानों की अस्मिता पर चोट बताया था

हाथरस में राष्टीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद रालोद अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए पंचायतों का सहारा ले रही है। बीते दिनों मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन कर जयंत चौधरी ने अपनी ताकत का एहसास राज्य सरकार को कराया था। आज रालोद ने मथुरा में पंचायत का ऐलान किया था। इसे किसान पंचायत नाम दिया है। जिसे समाजवादी पार्टी ने भी समर्थन दिया है।

मथुरा कभी रालोद का गढ़ रहा

मथुरा कभी रालोद का गढ़ रहा है। 2009 में भाजपा गठबंधन के साथ रालोद ने यहां लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब जयंत चौधरी लोकसभा पहुंचे थे। उस वक्त पांच विधानसभा सीटों में से दो सीट बलदेव और छाता में रालोद के विधायक थे। लेकिन, 2014 में रालोद ने भाजपा से अपनी राह अलग कर ली। तब मोदी की आंधी में रालोद ने यह सीट गंवा दी। फिर मथुरा में वह फिर कभी खड़ी नजर नहीं आई। लेकिन अब एक बार फिर रालोद यहां सोमवार को किसान पंचायत कर अपनी मौजूदगी का अहसास कराना चाहती है।

रालोद कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव किसानों से संपर्क किया

इस पंचायत को लेकर रालोद कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव संपर्क किया है। इस पंचायत में हजारों किसानों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। इस पंचायत में सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, विधान परिषद सदस्य संजय लाठर, उदयवीर सिंह, पूर्व विधान परिषद सदस्य असीम यादव और जिला अध्यक्ष लोकमनीकांत जादौन शामिल होंगे। रालोद के साथ सपा के मंच साझा करने से राजनीतिक जानकार इसे 2022 से पहले 2020 में हो रहे उपचुनाव के नजरिए से देख रहे हैं। रालोद जहां सपा के साथ बुलंदशहर सीट को कब्जाना चाहती है, वहीं सपा टूंडला सीट पर जीतने की फिराक में हैं। उधर दूसरी तरफ इस पंचायत को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क है। एलआईयू हर पल की सूचना ले रही है।

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