बाडमेर से करीब 600 किमी का सफर करके ये दिहाड़ी मजदूर सुसनेर पहुंचे
राजस्थान सरकार ने प्रायवेट बसों के जरिए हमें पोकरण से मप्र की सीमा तक पहुंचाने के लिए तीन बसें की और उसमें हमें बैठा दिया, किन्तु बस वालो ने हमसे एक-एक हजार रूपये किराया लेकर लगभग 3 लाख रूपये वसूल लिए और रात के समय हमें मप्र और राजस्थान की सीमा पर जंगल में छोड़ दिया। जैसे-तैसे हम मप्र की सीमा पर बसे गांव सेमली गल्डा पहुंचे तो वहां के सरपंच ने हमारी मदद की और प्रशासन को सूचना दी। उसके बाद ट्रैक्टरों के जरिए हमें यहा लाया गया है। यहां पर हमारे लिए भोजन की व्यवस्था प्रशासन ने की है। कुछ इस तरह की दास्तां मप्र के अलग-अलग जिलों के दिहाड़ी मजदूरों ने मंगलवार को सुसनेर के शासकीय महाविद्यालय में मीडिया को सुनाई। इनमें से कोई रायसेन जिले में रहता है तो कोई इंदौर, उज्जौन, राजगढ़ जिलें व अन्य ग्रामीण अंचल का निवासी है। मजदूर मांगीलाल और विक्रम ने बताया कि वे पोकरण से मप्र की सीमा में तीन बसों से आए हैं। बस वालों ने प्रति सवारी एक हजार रूपये किराया वसूला और जंगल में लाकर रात में छोड़ दिया। उसके बाद वे पैदल चलकर सेमली गल्डा पहुंचे। यहा से प्रशासन उन्हें सुसनेर लेकर आया है। उन्होंने तीन दिनों से भोजन तक नहीं किया था। दोपहर में व रात को इन्हें भोजन प्रशासन की ओर से कराया गया और फिलहाल इन्हें यहीं पर रोका गया है।
महिदपुर के लिए फिर पहुंचे 40 मजदूर
प्रशासन ने इन लोगों को भोजन करवाया। उसके ठीक बाद राजस्थान से 40 मजदूर और आ पहुंचे। ये मजदूर झालावाड़ होते हुए सुसनेर आए हैं और अपने आपको उज्जौन जिले की महिदपुर तहसील और उसके आसपास के रहवासी बता रहे हैं। प्रशासन ने इनको भी रोककर इनकी भी व्यवस्था सुसनेर कॉलेज में ही की है।
बाडमेर से सुसनेर पहुंचे 20 मजदूर
मंगलवार की सुबह बाडमेर से करीब 600 किमी का सफर करके ये दिहाड़ी मजदूर सुसनेर पहुंचे। जब उनसे पूछा गया कि अब कहां जा रहे हो, तो कहा अस्पताल में चेकअप करवाने के बाद एक जगह पर भोजन बनाकर खाएंगे। हमने चार दिनों से कुछ नहीं खाया है। मजदूरों के इस जत्थे में 20 मजदूर शामिल थे। जो अपने घर लौट रहे थे। इन लोगों को अभाविप कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में भोजन के पैकेट बांटे।
300 के लगभग मजदूर राजस्थान के पोकरण और बाड़मेड़ से मप्र की सीमा पर आ पहुंचे हैं। उन्हें सुसनेर के स्वामी विवेकानंद कॉलेज में रखा गया है। यहां उनकी जांच करवाई जा रही है। इसके बाद प्रशासन के निर्देशानुसार उन्हें आगे भेजा जाएगा। – विवेक कानोडिया, थाना प्रभारी, सुसनेर
कॉलेज में इन सभी मजदूरों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई। मेडिकल जांच उपरान्त सभी को भोजन करवाया गया है। -हरिवल्लभ शर्मा, सीएमओ, नगर परिषद सुसनेर।
मंगलवार सुबह से शाम तक मजदूरों का आना लगा रहा, इस दौरान 407 मजदूर राजस्थान से आए हैं। इनके ठहरने की व्यवस्था सुसनेर के स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय में करवाई है। उनके भोजन की व्यवस्था की गई है। आगे जैसे ही शासन से निर्देश मिलेंगे तो उन्हें आगे भिजवाया जाएगा