केएमवीएन-जीएमवीएन का एकीकरण : एकीकरण को लेकर बनी समिति की बैठक में तैयार होगा नए ढांचे का खाका
नैनीताल : Integration of KMVN-GMVN : कुमाऊं मंडल विकास निगम व गढ़वाल मंडल विकास निगम के एकीकरण की गाड़ी सरपट दौड़ने लगी है। एकीकरण को लेकर बनी समिति की एक और बैठक अगले माह होने की संभावना है। जिसमें दोनों निगमों के एकीकरण से बनाए गए उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम का अन्य राज्यों की व्यवस्था के अनुसार नए ढांचे का खाका सामने आ सकता है।
कुमाऊं मंडल विकास निगम-गढ़वाल मंडल विकास निगम के एकीकरण की प्रक्रिया राज्य बनने के साथ ही शुरू हो गई थी लेकिन वेतन विसंगति समेत वित्तीय स्थिति तथा अन्य वजहों से यह मामला आगे नहीं बढ़ा। घाटे की वजह से देशभर में केएमवीएन के पर्यटन बुकिंग केंद्रों को बंद करना पड़ा।
सितंबर दूसरे पखवाड़े में दोनों निगमों के एकीकरण को लेकर हुई बैठक में तय हुआ कि पहले दोनों निगमों के कामकाज का एकीकरण, फिर वित्तीय एकीकरण किया जाए। दोनों निगम कंपनी एक्ट में पंजीकृत हैं, इसलिए एकीकरण की कार्रवाई के लिए फर्म हायर करने का भी निर्णय लिया गया।
दोनों निगमों की बोर्ड बैठक से अनुमति प्राप्त की जाएगी। एकीकरण की कार्रवाई के लिए लाइम लाइन बनाने के साथ ही वित्तीय ऑडिट कराया जाएगा। प्रस्तावित उत्तराखंड पर्यटन विकास निगम के पदों का ढांचा क्या हो, इस संबंध में अन्य राज्यों की व्यवस्था को दृष्टिगत खाका तैयार होगा।
केएमवीएन मुख्यालय में पहुंचे बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार पर्यटन सचिन कुर्वे ने साफ कहा है कि दोनों निगमों की कोई भी संपत्ति लीज पर नहीं दी जाएगी। यदि टेंडर किया गया हो तो उसे निरस्त किया जाएगा। एकीकरण का रोडमैप भी बनाया जाएगा।
दोनों निगमों के एकीकरण के बाद निगम कोन-कौन से कार्य किए जाएंगे, इसका भी रोडमैप बनेगा। केएमवीएन में करीब 1100 जबकि जीएमवीएन में करीब ढाई हजार कर्मचारी हैं। दोनों निगमों के कर्मचारियों के वेतन की विसंगतियां दूर करने को भी कमेटी का गठन किया गया है
खनन, पर्यटन, रसोई गैस वितरण, चारधाम यात्रा, कैलास मानसरोवर व आदि कैलास यात्रा। पार्किंग संचालन, जड़ी बूटी विपणन, साहसिक पर्यटन, कार्यदाई संस्था के तौर पर संचालित विकास कार्य