तल्लादेश के बाद अब गुमदेश आईटीआई के आएंगे अच्छे दिन
चंपावत। तल्लादेश के बाद अब नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र के दिगालीचौड़ आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के अच्छे दिन आने वाले हैं। वर्ष 2018 से बंद यह संस्थान अगले साल से शुरू होगा। साथ ही आईटीआई के अधूरे भवन का निर्माण भी फिर से शुरू होगा। इसके लिए भवन का आगणन भेजा गया है।
यहां से 35 किमी दूर दिगालीचौड़ का आईटीआई सीमांत के युवाओं को तकनीकी हुनर देने के लिए 2011 में खुला था लेकिन आधारभूत ढांचे की कमी की वजह से मान्यता नहीं मिली। इस कारण दो (इलेक्ट्रिीशियन और फीटर) ट्रेड वाले इस संस्थान में 2018 से ताले लटक गए थे। साथ ही दिगालीचौड़ के मानाढुंगा में 2015 से शुरू आईटीआई के भवन निर्माण का काम भी 1.95 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद 2018 में रुक गया। भवन निर्माण के लिए ग्रामीणों ने 51 नाली भूमि दान की थी।
अब इस अधूरे भवन के शेष काम के लिए आगणन तैयार कर लिया गया है जिसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जा रहा है। साथ ही अगले सत्र से इस आईटीआई का संचालन भवन के पूरा होने तक किराए के भवन में कराया जाएगा। इसी साल तल्लादेश के मंच स्थित आईटीआई को संचालन की अनुमति मिली है। तल्लादेश के अलावा चंपावत जिले में इस वक्त तीन और आईटीआई चल रहे हैं। वहीं पांच आईटीआई मान्यता नहीं मिलने की वजह से बंद हैं। संवाद
दिगालीचौड़ के आईटीआई भवन के बचे काम के लिए उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम आगणन बना चुका है। 2.15 करोड़ रुपये के इस आगणन को शासन को भेजा जा रहा है। साथ ही अगले शिक्षा सत्र से इस आईटीआई में फिर से कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा। -कवींद्र सिंह कन्याल, प्रधानाचार्य, आईटीआई, टनकपुर।
अपना भवन मिला, अब बढ़ेंगे ट्रेड
चंपावत। साढ़े तीन दशक से अधिक समय से किराये पर चलने वाले चंपावत के आईटीआई को पिछले साल अपना भवन मिला और आधारभूत ढांचा बेहतर होने के साथ ही नए ट्रेड की संभावना भी बढ़ गई है। फिलहाल दो ट्रेड से यह संस्थान चल रहा है। विभाग ने दो नए ट्रेड खोलने का प्रस्ताव भेजा है।
वर्ष 1984 में खुला चंपावत का आईटीआई लंबे समय तक किराये के भवन में संचालित हुआ। चंपावत के ताराचौड़ में 1.72 करोड़ रुपये की लागत से दोमंजिली इमारत पूरा होने के बाद अब नए भवन में शिफ्ट हो गया है लेकिन इसमें सिर्फ दो (वायरमैन और कटिंग टेलरिंग) ट्रेड हैं। दोनों ही ट्रेड मौजूदा दौर के लिहाज से अनुपयुक्त हैं। इस वजह से विभाग ने इलेक्ट्रिीशियन और फीटर ट्रेड के प्रस्ताव भेजे हैं। चंपावत जिले की नोडल संस्था टनकपुर आईटीआई के प्रधानाचार्य कवींद्र सिंह कन्याल का कहना है कि प्रस्ताव व्यावसायिक परिषद को भेजा गया है। मंजूरी के बाद इन ट्रेडों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।