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जल प्रवाह को सही दिशा देना जरूरी

आईआईटी रुड़की ने इंटरनेशनल एसोसिएशनफॉर हाइड्रो एनवायरनमेटल इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (आईएएचआर) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर सिम्पोजियम का आयोजन किया। सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. जैड अहमद ने कहा कि बार-बार बाढ़, सूखा और जल संसाधनों में तेजी से बदलाव को देखते हुए हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर तैयार कर जल संचय, जल प्रवाह को सही दिशा देना एवं नियंत्रण रखना जरूरी है। हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के विश्लेषण और डिजाइन में हाल में हुई प्रगति से कम लागत पर पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ स्ट्रक्चर बनाने में मदद मिली है। 10 देशों के शोधकर्ताओं ने अपना शोध प्रस्तुत किया। पूर्व उप निदेशक और मुख्य अतिथि प्रोफेसर केजी रंगा राजू ने कहा कि हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के आधुनिक अध्ययन, शोधकर्ताओं को आपस में मिलने से सम्मेलनों का बहुत महत्व है। निदेशक प्रो. केके पंत ने प्रो. केजी रंगा राजू, प्रो. पीके पांडे, प्रो. एमके मित्तल, प्रो. जीएल असावा को शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. प्रवीण कुमार ने कहा कि आईआईटी रुड़की का सिविल इंजीनियरिंग विभाग देश में सबसे पुराना और सबसे बड़ा है।

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