उत्तराखंड के खराब प्रदर्शन पर नपेंगे शिक्षाधिकारी, पीजीआइ रिपोर्ट में पिछड़ने पर बरसे मंत्री, मांगा स्पष्टीकरण

देहरादून : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से जारी विद्यालयों की परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) रिपोर्ट में उत्तराखंड के पिछडऩे से नाराज शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने और पोर्टल में सूचनाओं के लिए जिलों से समन्वय स्थापित करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। विभाग को आवंटित बजट के उपयोग की धीमी गति पर भी उन्होंने नाराजगी जताई।
शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने शनिवार को शिक्षा महानिदेशालय में विभागीय समीक्षा की। पीजीआइ रिपोर्ट में राज्य की कमजोर स्थिति के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए मंत्री ने कहा कि विभाग की लापरवाही से प्रदेश के प्रदर्शन में सुधार नहीं हो सका। पीजीआइ रिपोर्ट में देश के 37 राज्यों में उत्तराखंड 35वें स्थान पर रहा है। इस रिपोर्ट में शासन प्रक्रिया और अवसंरचना विकास व सुविधाओं की श्रेणियों में उत्तराखंड बहुत पीछे रहा है। शासन प्रक्रिया में उत्तराखंड से नीचे केवल अरुणाचल प्रदेश और मेघालय रहे।
कैबिनेट मंत्री डा रावत ने उच्चाधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीजीआइ संकेतकों से संबंधित सभी आनलाइन व्यवस्था दुरुस्त की जाए। शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति का डाटा आनलाइन उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को कार्यों को पूरी निष्ठा व ईमानदारी से करने की नसीहत दी। उन्होंने प्रदेशभर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के लंबे समय से रिक्त चल रहे सैकड़ों पदों को शीघ्र भरने एवं डायट की नियमावली तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि डायट विभाग का महत्वपूर्ण संस्थान है। इसे एनईपी-2020 की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने के लिए खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए डायट की पृथक नियमावली एवं कैडर का बनाया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्माण एवं अन्य मदों में स्वीकृत बजट राशि को समय पर खर्च करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक वंदना गब्र्याल, समग्र शिक्षा अभियान के अपर परियोजना निदेशक डा मुकुल कुमार सती उपस्थित थे।