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छोटी थी तो लोग मुझे देखकर रोते थे:शादी में नाचकर पेट भरती थीं AAP की पहली ट्रांस कैंडिडेट बॉबी डार्लिंग

भगवान ने मुझे थोड़ा अलग बनाया है, लेकिन मैंने अपने सपनों को जीना नहीं छोड़ा। 14 साल की थी, जब घर छोड़ना पड़ा, लोगों की लानतें सुनीं। फिर भी मैं हमेशा दूसरों के लिए खड़ी रही। किन्नरों का कोई परिवार नहीं होता। पूरी दुनिया ही हमारा परिवार है।’

ये बॉबी हैं, दिल्ली के MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार। पार्टी ने उन्हें सुल्तानपुर माजरा विधानसभा में आने वाले 43ए वार्ड से उतारा है। ये पहली बार है जब AAP ने ट्रांस समुदाय से किसी को टिकट दिया है। टिकट के लिए हुए पार्टी के इंटरनल सर्वे में उनका नाम आया था। विधायक मुकेश कुमार अहलावत ने भी उनके नाम की सिफारिश की थी।

बॉबी चुनाव प्रचार कर रही हैं। हमने उनके साथ एक दिन बिताया और उनके बचपन से अब तक की जर्नी के बारे में बातें कीं…

सवाल: आपका असली नाम क्या है, आपका बचपन कैसा रहा?
जवाब: मेरा नाम हमेशा से बॉबी ही है। जन्म दिल्ली में हुआ। सुल्तानपुर इलाके में पली-बढ़ी। मैं जाटव परिवार से हूं। जब बड़ी हो रही थी, परिवार ने मेरे साथ बुरा बर्ताव नहीं किया, लेकिन बाद में वे भी लोगों के दबाव में आ गए। लोग मुझे कुछ भी कह देते थे। उम्र बहुत कम थी, लोग कहते थे- हाय किसकी लड़की आ गई। मुझे देखकर रोने लगते थे, वे मेरी फिक्र भी करते थे।

शुरुआत में बहुत बुरा लगा, लेकिन मैंने सपने देखना और उन्हें जीना बंद नहीं किया। मुझे हमेशा उम्मीद थी कि भगवान रास्ता दिखाएगा और मेरे लिए बेहतर कल आएगा।

सवाल: आप बड़ी हो रही थीं, तो आसपास के लोग कैसे रिएक्ट करते थे?
जवाब: स्कूल में मेरे साथ बुरा बर्ताव होता था। इसलिए मुझे स्कूल छोड़ना पड़ा। 14-15 साल उम्र रही होगी, तब मजबूरी में घर भी छोड़ना पड़ गया। फिर मैं अपने गुरु के साथ किन्नरों के साथ रहने लगी। अब मेरे गुरु इस दुनिया में नहीं हैं। आज मैं जो कुछ हूं, उन्हीं की बदौलत हूं। उन्होंने ही मुझे रहने के लिए छत दी, प्यार दिया। एक छत के नीचे मुझे मेरे जैसे कई लोग मिले।

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