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इंडोनेशिया में तबाही के 3 मिनट:मलबे में अपनों की तलाश, 13 हजार बेघर; पार्किंग-सड़कों पर इलाज

इंडोनेशिया के मुख्य आईलैंड जावा में सोमवार को आए भूकंप में 162 की मौत हुई और 700 से ज्यादा लोग घायल हैं। भूकंप के बाद हर ओर मलबा, लाशें और घायल नजर आ रहे हैं। 2 हजार से ज्यादा घर तबाह हो गए। 13 हजार लोग बेघर हैं। अस्थाई कैंपों, पार्किंग और सड़कों पर ही घायलों का इलाज किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा तबाही हुई है सियांजुर कस्बे में, जहां भूकंप के दौरान 3 मिनट तक इमारतें हिलती रहीं। सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हुई हैं। आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं है।

घनी आबादी में घर ढह गए, मलबे में अभी भी तलाश जारी

  • पश्चिमी जावा द्वीप में सोमवार दोपहर 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन में ज्यादा नीचे नहीं था। केंद्र 10 किमी. नीचे था।
  • अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादा गहराई में भूकंप का केंद्र होता तो इतनी तबाही नहीं मचती। तब भूकंप सतह पर ज्यादा दूरी तक फैलता और उसकी ताकत घटती जाती।
  • इंडोनेशिया की जियोफिजिकल एजेंसी के मुताबिक, भूकंप आने के बाद 25 आफ्टर शॉक्स आए। इससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।
  • सियांजुर सबसे ज्यादा प्रभावित इसलिए हुआ, क्योंकि वहां आबादी काफी घनी है। यहां भूस्खलन आम बात है। घर ज्यादा मजबूती से नहीं बने हैं।
  • हादसे में कितने लोग मारे गए हैं, यह आंकड़ा अभी पूरी तरह साफ नहीं है। रातभर रेस्क्यू वर्क चला। मलबे में घायलों और बॉडीज की तलाश अभी जारी है।
  • सियांजुर के प्रशासनिक चीफ हरमन सुहेरमान ने कहा, “मलबा गिरने की वजह से ज्यादातर लोग घायल हुए हैं। पास ही एक गांव हैं, जहां से लगातार एंबुलेंस में घायल अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं। इस गांव में कई ऐसे परिवार थे, जिन्हें हटाया नहीं गया था। कई घायलों का इलाज अस्पताल के बाहर कार पार्किंग और सड़कों पर चल रहा है। भूकंप के बाद कई घंटों तक अस्पतालों में बिजली नहीं थी। भूकंप प्रभावित इलाकों में इलेक्ट्रिसिटी बहाल करने में 3 दिन का वक्त लगेगा। रेस्क्यू अभियान अभी भी जारी है।”
  • पहला: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता तक भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जो कि भूकंप के केंद्र से करीब 100 किलोमीटर दूर है। दक्षिणी जकार्ता में काम करने वाली विदि प्रिमधानिया ने कहा- झटके इतने ताकतवर थे कि हम लोग तुरंत इमरजेंसी रास्ते से इमारत के बाहर आ गए।
    दूसरा: जकार्ता में काम करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा- भूकंप यहां आम बात हैं। हमने पहले उसी प्रॉसेस को अपनाया, जो अक्सर करते हैं। हम कोनों में बैठ गए पर झटके बहुत ज्यादा ताकतवर थे और हमें बाहर भागना पड़ा। 14 मंजिल से नीचे उतरने के बाद मुझे चक्कर आ गए और पैर कांपने लगे।
    तीसरा: सियांजुर पुलिस चीफ दोनी हरमावन ने बताया कि भूकंप के बाद भूस्खलन हुआ और मलबे में कुछ लोग दब गए। हमने एक महिला और बच्चे को बचाया। तीसरा आदमी बुरी तरह घायल था, वो नहीं बच पाया।

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