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पहले इंडिया फाउंडेशन और गढ़वाल विश्वविद्यालय में हुआ एमओयू

वर्ष 2047 के भारत पर चर्चा करने हेतु भारत एट 100 कार्यक्रम के तहत गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। साथ ही पहले इंडिया फाउंडेशन और गढ़वाल केंद्रीय विवि के बीच आपसी सहयोग के लिए करार (एमओयू) हुआ।

गढ़वाल विवि के शैक्षणिक क्रियाकलाप केंद्र में विवि के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी), भारतीय हिमालयी केंद्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) और पहले इंडिया फाउंडेशन (पीआईएफ) की संयुक्त पहल पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष व पीआईएफ संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि भारत सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। एक नीति पूरे देश के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। उन्होंने देश के 100वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न तक देश के लिए एक नीतिगत ढांचा विकसित करने के लिए संस्थानों के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर जोर दिया।

गढ़वाल विवि के कुलाधिपति डॉ. योगेंद्र नारायण ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं प्रदान करने की अवधारणा पर जोर दिया। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि भारतीय हिमालयी केंद्रीय विवि संघ अपशिष्ट प्रबंधन, मानव संसाधन विकास, राजनीतिक- सांस्कृतिक आवश्यकताओं और उनके समाधान खोजने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उपयुक्त मंच है। कार्यशाला में संघ के के वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों और कुलपतियों ने अपनी राय साझा करते हुए 2047 के भारत के लिए नीतिगत सुझाव दिए

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