मौसम का मिजाज बना असामान्य, इन मैदानी इलाकों में शीतलहर की चेतावनी
देहरादून: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज असामान्य बना हुआ है। सुबह-शाम और रात को ठंड कंपकंपी छुड़ा रही है, जबकि दिन में तेज धूप के कारण अधिकतम तापमान में पांच से सात डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
बीते पांच साल में इस बार अधिकतम तापमान रिकार्ड स्तर पर है। दून समेत प्रदेश के ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में इन दिनों अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। जबकि दिसंबर में आल टाइम रिकार्ड वर्ष 2016 में 29.2 डिग्री सेल्सियस का है
प्रदेश में बीते एक माह से वर्षा नहीं हुई है। जिसके चलते मौसम शुष्क बना हुआ है। वातावरण में नमी कम होने के कारण ठंड भी सामान्य से कम महसूस की जा रही है। अधिकतम तापमान में रिकार्ड वृद्धि से मौसम विज्ञानी भी हैरान हैं।
देहरादून में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, जो कि सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा है।
इसके अलावा अन्य प्रमुख शहरों में सामान्य से पांच या इससे अधिक वृद्धि तापमान में दर्ज की जा रही है। हालांकि, न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास ही बना हुआ है। इस बीच दिन और रात के तापमान में अंतर 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, बीते डेढ़ माह से पश्चिमी विक्षोभ सामान्य व्यवहार नहीं कर रहा है। जिसके चलते उत्तराखंड में वर्षा और बर्फबारी न के बराबर हो रही है
पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र में पहुंचकर जम्मू-कश्मीर की ओर रुख कर रहा है। उत्तराखंड के ऊपर से यह बिना वर्षा के गुजर जा रहा है। जिससे तापमान अधिक बना हुआ है।
सुबह-शाम और दोपहर के तापमान में अधिक अंतर आने के कारण फ्लू व संक्रमण के लिए मौसम अनुकूल बन गया है। ऐसे में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चे-बुजुर्गों व महिलाओं को सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह भी मौसम विभाग ने दी है। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक का अंतर दर्ज किया जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रह सकता है। ऊधमसिंह नगर व आसपास के मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
दिन के तापमान में अंतर बढ़ सकता है। न्यूनतम तापमान सामान्य जबकि, अधिकतम तापमान सामान्य से चार से छह डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने का अनुमान है