डीडीओ के आदेश के बाद भी जांच के लिए गांव नहीं पहुंचे अधिकारी
जिला विकास अधिकारी के आदेश के दो माह बाद भी ब्लॉक प्रशासन ने विकासखंड चकराता अंतर्गत ग्राम पंचायत मयरावना में निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं की जांच नहीं की है। जिस पर शिकायतकर्ता ने कड़ी नाराजगी जताई है।
शिकायतकर्ता शांति राम जोशी ने बीती 23 मई को जिलाधिकारी को पत्र सौंपा था। ग्राम सभा अंतर्गत राज्य वित्त और मनरेगा के तहत किए गए कार्यों को सिर्फ कागजों में कराने का आरोप लगाया था, जिसमें सीसी मार्ग, सुरक्षा दीवार और दो जगहों पर गूल निर्माण आदि शामिल था। आरोप लगाया था कि धरातल पर कोई निर्माण नहीं किया गया। फर्जी तरीके से ब्लॉक के कर्मचारियों से मिलीभगत कर तीन लाख रुपये से अधिक के सरकारी धन का गबन किया गया। मनरेगा के तहत एक ही परिवार के मजदूर दिखाए गए।
आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी ने 26 सितंबर को बीडीओ चकराता को लिखित आदेश जारी कर स्वयं जांच कर एक सप्ताह के भीतर सुस्पष्ट जांच आख्या देने के निर्देेेश दिए थे, लेकिन एक सप्ताह तो दूर दो माह बाद भी जांच की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इसे लेकर वे कई बार विकासखंड मुख्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी जांच के लिए नहीं पहुंचा है।
जांच के लिए शिकायतकर्ता को गांव में मौजूद रहना जरूरी है। उन्हें पूर्व में दो-तीन बार फोन किए गए, तब वे गांव से कही बाहर थे। एबीडीओ और अवर अभियंता को जांच के निर्देश दिए है। एक दो दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी। – शक्ति प्रसाद भट्ट, बीडीओ, चकराता