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पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में 17 पुरुषों ने दिखाई समझदारी

मेरठ, 13 दिसम्बर 2022। शासन के निर्देश पर 21 नवम्बर से आरंभ हुए पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में 11 दिसंबर तक 17 पुरुषों ने नसबंदी अपनाकर परिवार नियोजन में भागीदारी निभाई है। वहीं पखवाड़े में 336 महिलाओं ने आगे आकर नसबंदी पर भरोसा जताया है। छह पुरुष नसबंदी करसामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) परीक्षितगढ़ अव्वल रहा था तो महिला नसबंदी में सीएचसी रोहटा अव्वल रहा, जहां पर 17 महिला नसबंदी की गयीं।

सीएमओ ने  बताया -पखवाड़ा का आयोजन परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए किया गया था। पुरुषों को नसबंदी के बारे में जागरूक करते हुए यह संदेश देने की कोशिश की गयी कि नसबंदी कराने से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। पखवाड़ा के दौरान महिला नसबंदी और परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में भी जानकारी दी गयी। दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. विश्वास चौधरी का कहना है कि किसी महिला को दोबारा मां बनने के लिए कम से कम तीन साल का समय चाहिए होता है। इस अंतराल में मां अपने पहले शिशु की भी अच्छी तरह देखभाल कर पाती है और महिला का शरीर भी दोबारा मां बनने के लिए तैयार हो जाता है। तीन साल से पहले दूसरा बच्चा होने की स्थिति में मां और शिशु के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
परिवार नियोजन लोजेस्टिक मैनेजर हुसैन अहमद ने बताया -जिले में आयोजित पखवाडा में अब तक 17पुरूष नसबंदी हुई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा सीएचसी परीक्षितगढ में छहपुरूष नसबंदी हुई हैं। इस दौरान 336 महिलाओं ने नसबंदी करा कर परिवार नियोजन में भागीदारी निभाई है।  सीएचसी   रोहटा में 17 ,यूपीएचसी साबुन गोदाम में 15 और सीएचसी हस्तिनापुर , मवाना व परीक्षितगढ़ में 13-13 महिला नसबंदी हुई हैं।

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