16 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया अधर में लटकी, टेंडर ही जारी नहीं कर पाया यूपीसीएल

उत्तराखंड के 16 लाख बिजली उपभोक्ताओं के घर तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना अधर में लटकी हुई है। करीब एक हजार करोड़ की इस परियोजना के तहत ऊर्जा मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक सभी फीडरों में स्मार्ट मीटर लगाने का समय तय किया था, लेकिन अब तक टेंडर ही नहीं हो पाए।
दरअसल, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत उत्तराखंड के 15 लाख 84 हजार 205 घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने हैं। प्रदेश के 38016 ट्रांसफार्मर और 33 केवी के 379 व 11 केवी के 1254 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाने हैं। इस योजना के लिए 1045 करोड़ का खर्च होगा। ऊर्जा मंत्रालय ने सभी कार्यों के लिए समयसीमा मई में तय कर दी थी। इसके तहत सभी फीडरों (33 केवी और 11 केवी) में 31 दिसंबर 2022 तक स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। सभी ट्रांसफार्मर में 31 मार्च 2023 तक स्मार्ट मीटर लगाने हैं। इसके बाद सभी उपभोक्ताओं को 31 मार्च 2025 तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर देने हैं।
र्ट प्रीपेड मीटर का काम देने के लिए केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) की कंपनियों का चयन किया जा सकता है या फिर राज्य के स्तर से टेंडर निकाला जा सकता है। दोनों ही प्रक्रियाओं में अभी तक यूपीसीएल या राज्य सरकार कदम नहीं उठा पाई। इसका टेंडर जारी नहीं हुआ जबकि 31 दिसंबर 2022 तक सभी फीडरों को स्मार्ट मीटर से लैस करना है।
उपभोक्ताओं को नहीं देना होगा मीटर का कोई खर्च
सबसे पहले कॉमर्शियल और पांच किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। प्रति मीटर औसत छह हजार रुपये का खर्च आएगा, जिसमें से 22.5 प्रतिशत पैसा केंद्र से ग्रांट के तौर पर मिलेगा। बाकी पैसा मीटर लगाने वाली कंपनी को यूपीसीएल की ओर से प्रति मीटर प्रतिमाह के हिसाब से दस साल तक दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को इस मीटर के लिए अलग से कोई खर्च नहीं देना होगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए टाइमलाइन के हिसाब से काम शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसकी कागजी तैयारी की जा रही है।
– अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल