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जमरानी: नई नहरों के निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही तेज

हल्द्वानी। जमरानी बांध परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड की पांच बरसाती नदियों को सदावाहिनी बनाने के लिए 21.625 किलोमीटर लंबी नई नहरों का निर्माण प्रस्तावित है। इन नहरों के लिए वन विभाग की ओर से सिंचाई विभाग को 17.72 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरित की जानी है। संचाई विभाग ने वन भूमि हस्तांतरण के लिए कार्रवाई तेज कर दी है।

जमरानी बांध परियोजना से यूपी और उत्तराखंड की सिंचाई और पेयजल की जरूरतें पूरी होनी है। सिंचाई विभाग ने जमरानी बांध से बरेली और रामपुर जिले तक पानी पहुंचाने के लिए खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए 28.98 किलोमीटर लंबाई की नहरों का आधुनिकीकरण और 16.20 किलोमीटर नहरों का जीर्णोद्धार का कार्य प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त विभाग ने गर्मियों में सूखने वाली नदियों को रिचार्ज करने के लिए नई नहरों के निर्माण का भी प्लान तैयार किया है। सिंचाई विभाग हरिपुरा फीडर से तराई फीडर और चैक फ्री फीडर का निर्माण करेगा। इनसे हल्दी, बैगुल, ढिमरी, खैरिया और चैक फ्री नदी को रिचार्ज किया जाएगा। जमरानी परियोजना इकाई के परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि तराई फीडर और चैक फ्री फीडर के निर्माण के लिए 17.72 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण का प्रकरण तैयार किया जा रहा है। फरवरी तक मिलेगी जमरानी बांध परियोजना को वित्तीय स्वीकृति
हल्द्वानी। जमरानी बांध परियोजना को फरवरी तक वित्तीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। वित्तीय स्वीकृति के प्रस्ताव को पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड और आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की स्वीकृति प्रदान की जानी है। पीआईबी की बैठक अगले साल फरवरी तक होनी संभावित है। परियोजना के मुख्य बांध निर्माण के लिए निविदाएं 29 सितंबर को आमंत्रित की गईं थीं। वर्तमान में राज्य सरकार के वित्त विभाग को बांध निर्माण का निविदा दस्तावेज प्रेषित किया गया है।
दो मुख्य स्वीकृतियों का इंतजार
हल्द्वानी। जमरानी बांध परियोजना के निर्माण के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से स्वीकृति प्राप्त की जानी है। परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि वन भूमि विधिवत स्वीकृति का प्रकरण क्षतिपूरक वृक्षारोपण के संबंध में लगाई गई आपत्तियों में आवश्यक कार्रवाई कर नोडल अधिकारी देहरादून कार्यालय से भारत सरकार को भेजी जा रही है। एनटीसीए से अनापत्ति प्राप्त किए जाने के लिए प्रकरण राज्य वन्यजीव बोर्ड से स्वीकृति के लिए 22 जुलाई 2022 को भेजा गया है।

पुनर्वास की तैयारियां तेज
हल्द्वानी। परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत ने बताया कि परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए पुनर्वास स्कीम तैयार की जा रही है। पुनर्वास स्थल पर ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए टाउन प्लानिंग विभाग के साथ समन्वय से आर्किटेक्चरल प्लांनिंग कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं

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