कृषि वैज्ञानिक ने फसलों को पाले से बचाव के उपाय बताए
काशीपुर। कड़ाके की ठंड के साथ पाला पड़ने से फसलों को नुकसान हो रहा है। खासकर सरसों व लाही की फसलों के लिए यह काफी नुकसानदायक है। जागरूक किसान तरह-तरह के उपायों से फसलों का बचाव कर रहे हैं।
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने फसलों को पाले से बचाने के उपाय बताए। डॉ. क्वात्रा ने कहा कि सर्दियों में तापमान गिरने से पाला पड़ता है जिससे खासकर सरसों व लाही की फसलों, सब्जियों, फल को नुकसान होता है। फसलों के पत्ते गलने लगते हैं। बैैक्टीरिया जनित बीमारियों व कीटों का प्रकोप बढ़ने लगता है। उन्होंने बताया कि फसलों को पाले से बचाने के लिए हवा की दिशा में खेतों की मेड़ों पर कूड़ा करकट जला कर धुआं करें। धुएं से वातावरण में गर्मी आ जाती है। पाला पड़ने की संभावना पर फसलों में सिंचाई करें। खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होने से फसलों पर पाले का असर नहीं होता है। पाला पड़ने की संभावना पर फसलों में गंधक का तेजाब के 0.1 प्रतिशत पानी का घोल बनाकर स्प्रे मशीन से छिड़काव किया जाए। 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव किया जाए। पौधशाला के पौधों को पॉलीथिन से ढका जाए।