सास-बेटा-बहु सम्मेलन : उप-केंद्र बक्सर पर हुई परिवार नियोजन की बात
शासन के निर्देश पर जिले में सास-बेटा-बहु सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया- सम्मेलन का उद्देश्य सास-बेटा-बहु के बीच समन्वय और संवाद के जरिए परिवार नियोजन को लेकर एक अच्छा माहौल तैयार करना है ताकि प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति दकियानूसी सोच में बदलाव लाया जा सके।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया- अब तक केवल मिशन परिवार विकास कार्यक्रम से आच्छादित जनपदों में होने वाले सास-बेटा-बहु सम्मेलन अब सूबे के सभी जनपदों में आयोजित किए जाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन 31 जनवरी तक स्वास्थ्य उप-केंद्र स्तर पर किया जाना है। इसी क्रम में सिंभावली ब्लॉक के अंतर्गत बक्सर उप-केंद्र पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। एएनएम प्रीति रानी के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ता सुनीता, ऊषा राठौर और राजेंद्री ने मिलकर सम्मेलन का आयोजन किया।
डिस्ट्रिक्ट कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) अभिनव दुबे ने बताया- इस आयोजन का उद्देश्य परिवार के सभी जिम्मेदार सदस्यों को एक साथ बैठाकर परिवार नियोजन की बात करना है। इस विषय पर केवल पति-पत्नी से बात उतनी प्रभावी नहीं होती, क्योंकि अधिकतर परिवारों में अभी भी इस विषय पर सास का निर्णय प्रभावी रहता है। पति यानि बेटा को सम्मेलन में शामिल करने का उद्देश्य यह है कि पुरुष भी परिवार नियोजन में अपनी जिम्मेदारी समझें और उसका निर्वहन करें।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान यादव ने बताया परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने के मामले में पुरुष सहभागिता बढ़ाने की जरूरत है। कार्यक्रम के दौरान उन्हें शपथ भी दिलाई जा रही है कि “मैं एक जिम्मेदार पति और पिता होने के नाते शपथ लेता हूं कि- अपनी पत्नी के मान- सम्मान की रक्षा करूंगा एवं अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य एवं भविष्य के लिए लगातार प्रयासरत रहूंगा। मैं अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा एवं लालन पालन का पूरा ध्यान रखूंगा। परिवार को छोटा रखने और मां-बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मैं परिवार नियोजन साधनों का नियमित उपयोग करूंगा।”
एएनएम प्रीति रानी ने बताया – शासन से प्राप्त निर्देशों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान शपथ दिलाई गई और साथ ही दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया – सम्मेलन में एक वर्ष के दौरान नवविवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम वाली गर्भवती और परिवार नियोजन साधन न अपनाने वाले परिवारों को बुलाया गया था। कार्यक्रम में पहुंची सुनीता ने बताया – दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए मुझे कोई युक्ति नहीं सूझ रही थी, सम्मेलन में शामिल होने के बाद उन्होंने जल्द ही “अंतरा” गर्भनिरोधक इंजेक्शन अपनाने का निर्णय लिया है।