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प्रभावितों के पुनर्वास को सरकार का प्‍लान तैयार, इन तीन विकल्‍पों पर किया जा रहा विचार

 देहरादून:  चमोली जिले के जोशीमठ शहर के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में प्रभावितों के पुनर्वास के लिए तीन विकल्प प्रस्तावित किए गए हैं।

जोशीमठ को लेकर गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सोमवार को हुई बैठक में इन विकल्पों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई। अब इसका प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा और वह इस बारे में निर्णय लेगी।

बैठक के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी

जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के दृष्टिगत चमोली के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और हितधारकों के साथ बैठक के बाद हाल में शासन को रिपोर्ट भेजी थी।

इसमें पुनर्वास को तीन विकल्प सुझाए गए थे। सोमवार को अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सचिवालय में हुई बैठक में इस पर विमर्श हुआ

आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार समिति ने इन विकल्पों पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे संस्थानों की अंतिम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा कि कितने परिवारों का स्थायी रूप से पुनर्वास किया जाना है।

प्रभावितों से प्रस्तावित विकल्पों पर सहमति लेने के बाद पुनर्वास की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में अन्य कई विषयों पर भी मंथन किया गया।

ये रखे गए हैं विकल्प

  • प्रभावित भू-भवन स्वामियों का वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा। उन्हें भूमि व भवन के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार मुआवजे के तौर पर एकमुश्त धनराशि दी जाएगी। भुगतान से पहले संबंधित प्रभावित की भूमि व भवन की रजिस्ट्री सरकार के पक्ष में की जाएगी।
  • प्रभावितों को भूमि के सापेक्ष घर बनाने के लिए अधिकतम 100 वर्ग मीटर की भूमि दी जाएगी। प्रभावित की इससे ज्यादा भूमि होने की दशा में उसे तय मानकों के अनुसार मुआवजा राशि दी जाएगी। इससे पहले प्रभावित की ऐसी भूमि सरकार में निहित की जाएगी।
  • पुनर्वास के लिए चिह्नित स्थान पर 75 वर्ग मीटर में डूप्लेक्स भवन का निर्माण कर सरकार देगी। यदि भूमि व आवास का क्षेत्रफल 75 वर्ग मीटर से अधिक है तो उसे इसकी धनराशि दी जाएगी। पुनर्वास से पहले संबंधित प्रभावित की भूमि भी सरकार में निहित की जाएगी।

सीपीडब्लूडी की दरों के आधार पर भवन का मुआवजा

आपदा प्रबंधन सचिव डा. सिन्हा के अनुसार समिति ने आपदा प्रभावितों के क्षतिग्रस्त भवनों के लिए मुआवजे की दर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) की दरों के आधार पर रखने पर सहमति दी है।

साथ ही, इसमें व्यवसायिक भवन के लिए पांच प्रतिशत और आवासीय भवन पर 15 प्रतिशत अधिक राशि की बढ़ोत्तरी की जाएगी। भवन के निर्माण की अवधि के बारे में भवनस्वामी से जानकारी लेकर इसी हिसाब से निर्धारण किया जाएगा।

सीपीडब्लूडी की दरें

  • व्यवसायिक भवन :- 22,975 रुपये प्रति वर्ग मीटर। इसमें सरकार पांच प्रतिशत की वृद्धि करेगी।
  • आवासीय भवन :- 17,640 रुपये प्रति वर्ग मीटर। इसमें 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है।

कैबिनेट लेगी निर्णय

प्रभावितों के पुनर्वास के लिए मुआवजे की दरों के निर्धारण से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा, जो इस बारे में निर्णय लेगी। साथ ही कैबिनेट यह भी तय करेगी कि किस वर्ष के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाना है।

रेट्रोफिटिंग का भी विकल्प

जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में हल्की या मामूली दरार वाले भवनों के लिए रेट्रोफिटिंग का विकल्प भी खुला रखा गया है। आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार यदि आवश्यकता पड़ेगी तो ऐसे भवनों का सरकार वैज्ञानिक ढंग से उपचार कराएगी। मामूली दरार वाले भवनों की मरम्मत के लिए सरकार धनराशि देगी

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