जलधारा के स्रोत को लेकर तस्वीर होगी साफ, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान करेगा जांच
देहरादून: चमोली जिले में जोशीमठ के आपदाग्रस्त घोषित क्षेत्र में स्थित जेपी कालोनी में फूटी जलधारा का पानी घरों व होटलों का है या फिर किसी प्राकृतिक स्रोत का, इसे लेकर जल्द तस्वीर साफ होगी।
इसके लिए शासन ने राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (एनआइएच) को जलधारा के पानी की कल्चर जांच कराने को कहा है। संस्थान ने इस संबंध में पानी के नमूने लिए हैं।
जोशीमठ की जेपी कालोनी में दो जनवरी को अचानक जलधारा फूट पड़ी थी। इससे निरंतर मटमैला पानी निकल रहा है। शुरुआती दौर में जलधारा से पानी का बहाव 550 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) था, जो अब घटकर 17 एलपीएम पर आ गया है।
पानी भी साफ होने लगा है। इस बीच दो जनवरी से ही जोशीमठ क्षेत्र में भूधंसाव और भवनों में दरारें पडऩे का क्रम भी तेज हुआ। तब ये आशंका जताई जा रही थी कि यह पानी एनटीपीसी की जलविद्युत परियोजना की टनल का हो सकता है
इस पर शासन ने एनआइएच से जांच कराई। प्रारंभिक रिपोर्ट में जलधारा और एनटीपीसी की टनल के नमूने जांच में अलग-अलग पाए गए। अब इस पहलू से भी जांच कराई जा रही है कि कहीं इस जलधारा का स्रोत होटलों व घरों से निकलने वाला भूमि में रिसा पानी अथवा कोई प्राकृतिक स्रोत तो नहीं है।
आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार एनआइएच को इसकी जांच के लिए कहा गया है। उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद इसे लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल राहत की बात ये है कि जलधारा से पानी का बहाव अब नाममात्र का हो गया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण समेत नुकसान का जायजा लेने मेरठ से आई रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) 24 घंटे के अंदर ही रविवार तड़के लौट गई। इसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि कोई भी अधिकारी कुछ कहने से बच रहा है। वहीं एसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने रैपिड एक्शन फोर्स के लौटने की पुष्टि की है।
शुक्रवार रात गृह मंत्रालय के निर्देश पर जोशीमठ 108 मंजूरेट बटालियन की 60 जवानों और अधिकारियों की टुकड़ी जोशीमठ आई थी। शनिवार को आरएफए उप कमांडर मुकेश कुमार ने पत्रकारों को बताया था कि वे आपदा से हुए नुकसान का आकलन, प्रभावित क्षेत्रों की फोटोग्राफी के अलावा पुनर्वास की स्थिति का जायजा लेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड सदन से जोशीमठ के लिए आपदा राहत सामग्री के वाहनों को रवाना किया। यह राहत सामग्री भाजपा उत्तराखंड प्रकोष्ठ, फरीदाबाद और हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कान्फ्रेंस सहित अन्य संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई है।
उत्तराखंड सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे समय पर राहत सामग्री के माध्यम से सभी लोग सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार का भी प्रयास है कि सभी को सहायता प्राप्त हो।
केंद्र सरकार के सहयोग से जोशीमठ के पुनर्वास और आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। अन्य संस्थाएं भी राहत सामग्री भेज कर मदद कर रही हैं। इस अवसर पर भाजपा उत्तराखंड प्रकोष्ठ, फरीदाबाद की जिला सचिव भारती भाकुनी, जिला संयोजक चंदन नेगी जिला सह संयोजक गिरीश चंद सती व आइटी प्रमुख मनीष डंगवाल आदि उपस्थित थे