Wed. Nov 6th, 2024

कांग्रेस विधायकों के निलंबन पर अडिग रहीं विधानसभा अध्यक्ष, सत्ता पक्ष के अनुरोध के बावजूद नहीं बदला अपना फैसला

देहरादून: विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों के निलंबन के फैसले को वापस लेने के सत्ता पक्ष और विपक्ष के अनुरोध व खेद प्रकट करने के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण अपने फैसले पर अडिग रहीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह मंगलवार को कांग्रेस विधायकों ने पीठ के समक्ष आचरण किया, दस्तावेजों को फाड़ा और पीठ की ओर उछाला गया, उसे देखते हुए उनका फैसला उचित था।

15 मिनट के लिए सदन स्थगित

उन्होंने इस संबंध में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा निलंबन की कार्रवाई को वापस लेने के प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया। बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदन को तुरंत 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं थी।

अप्रत्याशित रूप से दो मिनट बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सदन में पहुंचीं और पहली मद को पढ़ने के बाद सदन फिर से 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद सदन 11:30 बजे तक के लिए स्थगित किया गया। इस बीच उनके कक्ष में सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों के बीच बैठक हुई।

सदन वार्ता, नियमों व विषयों पर चर्चा के लिए है

11:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन वार्ता, नियमों व विषयों पर चर्चा के लिए है। जो कल हुआ, वह उचित नहीं था। उन्होंने पक्ष व विपक्ष के सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्नकाल समाप्त होते ही कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया।

सदन में पीठ है सर्वोच्च

उन्होंने कहा कि सदन में पीठ सर्वोच्च है। पीठ से जो विनिश्चय आता है वह नियमावली के अनुसार आता है। कांग्रेस के विधायकों को जिस नियम का हवाला देते हुए निलंबित किया गया, उसमें व्यवस्था यह है कि यदि पीठ किसी को निलंबित करना चाहती है तो इसके लिए उन सदस्यों को इंगित करेगी। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव लाएंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने व्यक्त किया खेद

सदन में इसका अनुपालन नहीं हुआ। विपक्ष अपनी बात सदन के सम्मुख ही रख सकता है। यदि यहां भी विपक्ष को संरक्षण नहीं मिलेगा तो विपक्ष कहां जाएगा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सदन नियमों से चलता है। मंगलवार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण रही। जब विपक्ष को पीठ से संरक्षण नहीं मिला तब ऐसी घटना देखने को मिली। उन्होंने घटना के लिए खेद भी जताया।

विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने पीठ से विशाल हृदय दिखाते हुए कांग्रेसी विधायकों के निलंबन को वापस लेने के अनुरोध किया। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जो घटना हुई वह भावावेश के कारण हुई। उन्होंने मंगलवार को निलंबन की कार्रवाई को निरस्त करने के लिए अनुमति मांगी। इस पर विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि निलंबन तो पहले ही समाप्त हो चुका है, जो नियमों के विपरीत कृत्य हुआ है,वह उसे वापस लेने की बात कर रहे हैं।

नियमानुसार हुई कार्यवाही

इस पर पीठ ने कहा कि कल जो कार्यवाही की गई, वह नियमानुसार की गई। उनके कहने के बाद भी जब विधायक बाहर नहीं गए तब यह कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को सुनने के बाद वह इस प्रस्ताव को अस्वीकार करती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *