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बागवानों को दवाओं पर डायरेक्ट मिलेगी सब्सिडी:उद्यान विभाग केंद्रों पर मिलेंगे कीटनाशक, कुल्लू फलोत्पादक मंडल बोला- अधिक मात्रा में हों उपलब्ध

पतलीकूहल उद्यान विभाग के वितरण केंद्रों पर इस वर्ष सब्सिडी पर दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। कुल्लू फलोत्पादक मंडल अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने इसके लिए हिमाचल सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि घाटी में सेब पर फफूंदनाशक व कीटनाशक की स्प्रे का समय लगभग आरंभ हो गया है। सरकार उद्यान विभाग के माध्यम से बागवानों को कीटनाशक व फफूंदनाशक सब्सिडी पर उपलब्ध करवाता है।

इस वर्ष खाते में नहीं डायरेक्ट मिलेगी सब्सिडी
पिछले वर्ष सरकार ने बागवानों को उद्यान विभाग के वितरण केंद्रों पर उपदान पर मिलने वाली दवाइयों के स्थान पर बाजार से फफूंदनाशक और कीटनाशक खरीदने पर प्रति बीघा 320 के हिसाब से सब्सिडी की राशि सीधे बागवानों के खाते में ट्रांसफर करने की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी की राशि कम होने और जटिल प्रक्रिया के कारण कई बागवान पिछले वर्ष इसका लाभ नहीं उठा पाए थे।

सरकार के इस निर्णय का विरोध भी हुआ था।

सरकार ने दिया था आश्वासन
इसके बाद सरकार ने बागवानों को आश्वासन दिया था कि सब्सिडी वाली दवाइयां बागवानों को अगले वर्ष से उद्यान विभाग के वितरण केंद्रों पर उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार इस वर्ष बागवानों को फिर से उद्यान विभाग के वितरण केंद्रों में स्प्रे की दवाइयां सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे बागवानों को राहत मिलेगी।

अधिक मात्रा में उपलब्ध कराएं दवाइयां
बागवान भूपेंद्र, अशोक, सुरेश, राज कुमार, दीपेंद्र, घनश्याम का कहना है कि क्षेत्र में सेब के बगीचों में बहुत अधिक इजाफा हुआ है, परंतु विभाग द्वारा सब्सिडी पर दवाइयां बहुत कम दी जाती हैं। सब्सिडी पर कम दवाइयां उपलब्ध होने के चलते बागवानों को बाजार से काफी अधिक मूल्य चुकाकर कीटनाशक और फफूंदनाशक खरीदने पड़ते हैं।

बागवानों ने सरकार और विभाग से आग्रह किया कि उन्हें स्प्रे के लिए दवाइयां अधिक मात्रा में उपलब्ध करवाई जाएं। विभाग के प्रत्येक वितरण केंद्रों में उचित मात्रा में दवाइयां उपलब्ध रहें।

कुल्लू फलोत्पादक मंडल ने उठाई मांग
कुल्लू फलोत्पादक मंडल अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बागवानों को सब्सिडी पर मिलने वाली दवाइयां काफी कम मात्रा में मिलती हैं, जबकि केवल मनाली विधानसभा क्षेत्र में ही वर्ष 2022 के फल सीजन में 70 लाख कार्टन से अधिक फलों का उत्पादन हुआ है। सरकार से आग्रह है कि बागवानों के लिए बगीचों के आधार पर उचित मात्रा में दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं।

क्यूंकि कुल्लू में बगीचों में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई है

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