नई पर्यटन इकाइयों को स्टांप ड्यूटी में 100% छूट, सभी जिले 3 श्रेणियों में विभाजित
गैरसैंण, उत्तराखंड में अब पर्यटन विकास नई ऊंचाई छुएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासों में जुटी धामी सरकार अब नई पर्यटन नीति लेकर आई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी 13 जिलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणियों के हिसाब से इनमें पर्यटन इकाइयों की स्थापना के लिए 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। नई पर्यटन इकाइयों को स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट का प्रविधान किया गया है
विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा देने वाले निजी ऑपरेटरों को भी प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति समेत सात विषयों को मंजूरी प्रदान की गई, जबकि एक विषय निरस्त कर दिया गया। नई पर्यटन नीति आगामी सात वर्षाें, यानी वर्ष 2030 तक के लिए होगी।
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नई पर्यटन नीति पर मुहर लगाई गई। नीति में पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रविधान किए गए हैं।
इसके अनुसार साहसिक पर्यटन का ढांचा स्थापित करने वाली नई इकाइयों को 100 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन यह जीएसटी से जुड़ी होगी। पर्यटन विकास के दृष्टिगत प्रदेश को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
श्रेणियों में इस तरह विभाजित किए गए हैं जिले
ए श्रेणी में हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर को पूर्ण रूप से शामिल किया गया है। देहरादून के एक बड़े क्षेत्र को भी इसी श्रेणी में रखा गया है