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पढ़ाई के साथ निभाने होंगे सामाजिक दायित्व

नैनीताल। प्रदेश के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को अब अध्ययन के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कुमाऊं विवि के प्राध्यापकों के साथ ही विशेषज्ञों ने इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। पाठ्यक्रम में खास बात यह है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छता के साथ ही समाज को नशे के खिलाफ जागरूक करना होगा। हालांकि अभी शासन से इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है।

आगामी सत्र 2023-24 में पूरे राज्य में नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य कौशल विकास को बढ़ावा देने के साथ ही रोजगार के लायक बनाना है। इसके लिए कुमाऊं विवि में चली तीन दिवसीय कार्यशाला में पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसके तहत छात्र स्नातक में एक वर्ष में कोर्स छोड़ने पर प्रमाणपत्र, दो वर्ष में डिप्लोमा, तीन वर्ष में डिग्री जबकि चार वर्ष तक स्नातक की पढ़ाई करने पर ऑनर्स डिग्री के साथ ही विद्यार्थी रिसर्च भी कर सकेंगे। साथ ही विद्यार्थियों को प्रत्येक यूनिट में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों, सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। वहीं फील्ड स्टडी, जागरूकता कार्यक्रम, सरकारी योजनाओं की जानकारी, नशा मुक्ति, स्वच्छता अभियान में भी विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।

जल्द वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा पाठ्यक्रम
नैनीताल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है। अब इस पाठ्यक्रम को www.kunainital.ac.in में अपलोड किया जाएगा जिसमें अभिभावक, विशेषज्ञों के साथ ही अन्य लोग भी अपने सुझाव दे सकेंगे। इसके बाद पाठ्यक्रम में अंतिम मुहर लगेगी।

तीन दिन तक हुआ वृहद मंथन
नैनीताल। कुमाऊं विवि की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए विशेषज्ञों की ओर से वृहद मंथन किया गया। इस दौरान चार यूनिट पाठ्यक्रम यूजीसी के निर्देशानुसार बनाए गए।

– राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को विषय का चयन करने में आसानी होगी। साथ ही छात्र स्नातक में एक वर्ष में सर्टिफिकेट, दो वर्ष में डिप्लोमा, तीन वर्ष में ऑनर्स डिग्री तो चार वर्ष में ऑनर्स डिग्री व रिसर्च प्राप्त कर सकेंगे। एनईपी का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास करना है। – प्रो. अमित जोशी, प्राध्यापक कुमाऊं विवि।

– एनईपी के तहत पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है। विद्यार्थियों को अब सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना होगा। पाठ्यक्रम को कुमाऊं विवि की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा जिसके माध्यम से विशेषज्ञ व अभिभावक फीडबैक दे सकेंगे। इसके बाद इसे शासन को भेजा जाएगा। -प्रो. एनके जोशी, कुलपति कुविवि

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