शीतकाल का सूखा दूर कर गई गर्मी की शुरुआती बारिश, नैनी झील की सेहत सुधरी; जलस्रोत रिचार्ज
नैनीताल : उत्तराखंड में गर्मी की शुरुआत में हाे रही बारिश ने सर्दियों का सूखा दूर कर दिया है। नैनीताल शहर में वर्षा ने बड़ी राहत दी है। शीतकाल में जितनी वर्षा होती थी, उससे तीन गुना अधिक पानी यहां बीते पांच दिन में यहां बरस गया। इसे गर्मियों में घटित होने वाली वनाग्नि पर अंकुश लगाने के लिए वरदान माना जा रहा है
कई दिनों की वर्षा से नैनी झील के जलस्तर में करीब पांच इंच की बढ़ोतरी हो गई है। इससे झील का जलस्तर पांच फीट तक पहुंच चुका है। इसके साथ ही प्राकृतिक जलस्रोत रिचार्ज होने से गर्मियों के लिए राहत महसूस की जा रही है। इस वर्ष शीतकाल बिल्कुल सूखा रहा। नवंबर से फरवरी तक यहां महज 24 मिमी वर्षा हुई।
वर्षा की कमी से काश्तकार सर्वाधिक प्रभावित हुए। इधर नैनी झील का जलस्तर गिरकर 4.7 फीट पहुंच गया। झील नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक यहां बीते पांच दिनों में 78 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई और जमकर ओलावृष्टि भी हुई।
नवंबर से फरवरी तक के शीतकाल में हुए वर्षा का करीब तीन गुना अधिक पानी बीते पांच दिनों में बरस गया है। सिंचाई विभाग अधिशासी अभियंता अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि वर्षा के बाद झील का जलस्तर बढ़कर पांच फीट पहुंच गया है। जलस्रोत रिचार्ज होने से नालों से झील को पानी मिल रहा है।
मार्च में वर्षा होने से हरी सब्जी, मटर, पालक उत्पादक काश्तकारों को राहत मिली है। मगर नैनीताल व समीपवर्ती कुछ क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि से काश्तकारों को नुकसान झेलना पड़ा है। उनकी रबी की फसल के साथ ही आडू, पुलम, खुमानी व सेब की पैदावार तथा सब्जी का खेती को ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। इधर ककड़ी, तुरई, लौकी समेत अन्य सब्जी के उत्पादक काश्तकारों को राहत मिली है।
फरवरी में फायर सीजन शुरू होते ही शहर व समीपवर्ती क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं भी होने लगीं थी। जिससे वन विभाग भी खासी चिंता में था। मगर वर्षा के बाद जंगल में नमी बढ़ गई है। जिससे आगामी दिनों में वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण लग सकेगा और आग से जंगलों को होने वाले नुकसान में कमी आएगी।
बीते पांच वर्षों में यह रही झील और वर्षा की स्थिति
- वर्ष -जलस्तर -वर्षा
- 2023- 5 फीट -78 मिमी
- 2022- 7.7 फीट- शून्य
- 2021- 2.4 फीट -शून्य
- 2020- 7 फीट -66 मिमी
- 2019- 5 फीट – 41 मिमी