कोसी पंपिंग योजना के पंपों में घुसा मलबा
अल्मोड़ा। जिले में हो रही बारिश से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बारिश के बाद नगर को पेयजल आपूर्ति करने वाली कोसी पंपिंग योजना के पंपों में सिल्ट घुस गया है। फिल्टर से भी सफाई न होने पर घरों में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे 60 हजार से अधिक की आबादी परेशान है। पानी से दुर्गंध भी आ रही है जिससे इसका उपयोग करना मुश्किल हो रहा है।
नगर की आबादी की प्यास बुझाने के लिए कोसी नदी में पंपिंग योजना संचालित है लेकिन इस बीच जिले के अधिकांश हिस्सों में बारिश के बाद जंगलों और अन्य गाड़-गधेरों से मिट्टी, राख बहकर कोसी नदी में पहुंच गई है जिससे पानी दूषित हो गया है। यही सिल्ट और राख पंपिंग योजना के पंपों में घुस गई है। हालात यह हैं कि फिल्टर के बाद भी पानी की सफाई नहीं हो पा रही है।
ऐसे में पंपिंग योजना से दूषित पानी घरों में पहुंच रहा है जिसका उपयोग कर पाना लोगों के मुश्किल है। मटमैले पानी की आपूर्ति हो रही है जिससे दुर्गंध भी आ रही है। यह पानी न तो पीने योग्य है और ना ही लोग इसे अन्य उपयोग में ला पा रहे हैं।
प्राकृतिक जलस्रोतों की लगा रहे दौड़
अल्मोड़ा। नलों में आने वाला मटमैला पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। लोग बारिश के बीच प्राकृतिक जलस्रोतों से पीने के पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
बोले लोग
दो दिन से नल में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। पानी से दुर्गंध आ रही है। ऐसे में पीने के पानी के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों की दौड़ लगानी पड़ रही है। – संदीप सिंह, नयालखोला।
दूषित पानी की आपूर्ति से बीमारी का खतरा बना हुआ है। जल्द व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। बारिश के बीच प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी ढोना मुश्किल है। – रिहान अंसारी, अल्मोड़ा।
गाड़-गधेरों व जंगलों से मिट्टी और राख बहकर नदी में मिल गई है। इस कारण पंपिंग योजना के फिल्टर भी पानी की सफाई नहीं कर पा रहे हैं। जल्द ही व्यवस्था में सुधार हो जाएगा। – अरुण कुमार सोनी, ईई, जल संस्थान, अल्मोड़ा