सागर में होगा टेस्ट ट्यूब एनिमल बेबी11 महीने बाद अच्छी नस्ल की गायों के बछड़े होंगे पैदा
प्रदेश में पहली बार सागर में टेस्ट ट्यूब एनिमल बेबी होगा। अभी तक भोपाल, अहमदाबाद, रुड़की की लैब में इसके परीक्षण हो रहे थे, जो सफल होने के बाद देश में मैदानी तौर पर मध्यप्रदेश के 10 जिलों का चयन किया है, जहां 2 महीने बाद अहमदाबाद-रुड़की की टीम आकर भ्रूण प्रत्यारोपण करेगी। यानी 11 महीने बाद अच्छी नस्ल की गायों के बछड़े पैदा होंगे।
आईवीएफ (इनविटरो फर्टीलिटी) तकनीक से गायों में प्रजनन का प्रयोग देश में अलग-अलग स्थानों पर पहले से चल रहा है लेकिन इसे जमीन पर उतारने का काम अब शुरू किया जा रहा है। सागर जिले को इस तकनीक से प्रजनन के लिए 375 भ्रूण प्रत्यारोपण का लक्ष्य मिला है। इसके लिए गायों का चयन शुरू हो गया है।
इस तकनीक का उपयोग करके बेहतर देसी नस्ल की गाय और बैल तैयार करना है। अभी तक यह प्रयोग गिर और साहीवाल नस्ल की गायों पर किया जा रहा है। उपसंचालक वीके पटेल ने बताया यह प्रयोग राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किया जा रहा है। काम शुरू हो गया है।
ऐसे तैयार होंगे गायों से टेस्ट ट्यूब बेबी
गाय के अंडाणु और सांड के वीर्य का निषेचन टेस्ट ट्यूब में किया जाता है। इसमें सोनोग्राफी मशीन और ओवम पिकअप एसेबली की सहायता से गाय के अंडाणु को टेस्ट ट्यूब में एकत्रित किया जाता है। उसके गाय की ओवरी के तापमान में लैब में रखा जाता है। उसके बाद बेहतर नस्ल के वीर्य को अंडाणु से निषेचित कराया जाता है।
इससे लैब के इंक्यूबेटर में इन्हें उचित तापमान में रखा जाता है। जिसके बाद टेस्ट ट्यूब एनिमल यानी एंब्रियो बनने की प्रकिया शुरू हो जाती है। इस तरह तैयार भ्रूण को कम उत्पादन क्षमता वाली गायों में प्रत्यारोपित किया जाएगा, ताकि उनकी नस्ल सुधार हो, दूध उत्पादन क्षमता बढ़े।
19500 रुपए का अनुदान
नई तकनीक पर खर्च 21000 रुपए आ रहा है, शुरुआत में किसान को गायों का गर्भाधान कराने पर 19500 रुपए का अनुदान मिलेगा। यानी लोगों को प्रत्येक गर्भाधान पर 1500 रुपए देने होंगे। याेजना में सागर, खंडवा, सीहोर, विदिशा, रायसेन, दमोह, छिंदवाड़ा, खरगोन, नरसिंहपुर, मुरैना जिला शामिल हैं।
नस्ल के मुताबिक दूध देगी गाय
टेस्ट ट्यूब एनिमल से बनी गाय अपनी नस्ल के मुताबिक दूध देगी। यानी गिर नस्ल का टेस्ट ट्यूब एनिमल बेबी तैयार किया ताे वह 12-15 लीटर दूध रोज देगी। यदि साहीवाल नस्ल की गाय तैयार की तो यह 12 से 20 लीटर तक दूध देगी। बेहतर देखभाल व खानपान से इसे 40 लीटर तक बढ़ाया जा सकता है।