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राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में एक जुलाई से ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाई की तैयारी

उत्तराखंड के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में एक जुलाई से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र 2023-24 से ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाई होगी। अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्य के मुताबिक अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

अपर सचिव के मुताबिक नई शिक्षा नीति के तहत एक सेमेस्टर के लिए 90 दिन की पढ़ाई अनिवार्य है, राज्य के खासकर पर्वतीय जिलों में छात्र सुबह महाविद्यालय जाते हैं, लेकिन घर जाते हुए वाहन नहीं मिलेगा यह सोचकर शाम को जल्दी घर के लिए निकल जाते हैं। एनईपी में भी कहा गया है कि 40 प्रतिशत कोर्स ऑनलाइन किया जाएगा।

महाविद्यालयों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पढ़ाई होगी। इसके लिए छात्र-छात्राओं को विकल्प दिया जाएगा कि वे किस माध्यम से पढ़ना चाहते हैं। इसकी शुरूआत एक जुलाई से कर दी जाएगी। अपर सचिव के मुताबिक सरकार की ओर से राज्य के सभी सरकारी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को टैबलेट दिए गए हैं। जिससे ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी होगी।

सरकार की ओर से प्रदेश के सभी सरकारी महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को वर्ष 2022-23 में मुफ्त टैबलेट दिए गए थे, लेकिन नए छात्रों के पास टैबलेट नहीं हैं। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई में इन छात्र-छात्राओं को दिक्कत होगी।
राजकीय महाविद्यालयों में यूजी और पीजी के छात्र-छात्राओें की तय समय पर परीक्षाएं विभाग के लिए चुनौती बनी हैं। पहले, दूसरे और पांचवें सेमेस्टर की परीक्षाएं पिछले साल दिसंबर एवं इस साल जनवरी तक खत्म हो थी, लेकिन इस साल अप्रैल तक परीक्षाएं चलती रही। शिक्षा सत्र में देरी से करीब एक लाख छात्रों का नुकसान हो रहा है। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में कोविड के समय से यह स्थिति बनी है। शिक्षा सत्र में लगातार देरी हो रही है।

यूजी और पीजी पहले, दूसरे और पांचवें सेमेस्टर की परीक्षाएं देरी से हुई हैं। जबकि अब मई से दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं। इसके अलावा वार्षिक परीक्षाएं भी अभी होनी हैं। अपर सचिव प्रशांत आर्य के मुताबिक छात्र-छात्राओं का नुकसान न हो इसके लिए धीरे-धीरे स्थिति में सुधार का प्रयास किया जा रहा है

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