सूख गए प्रदेश के 23 प्रतिशत झील और तालाब, मंत्रालय ने पहली बार जारी की वाटर बॉडीज सेंसस रिपोर्ट
उत्तराखंड में मौजूद कुल 3096 जलाशयों (झील, झाल, तालाब, टैंक) में से 725 जलाशय पूरी तरह से सूख गए हैं। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से देशभर में पहली बार कराए गए सर्वे के बाद वाटर बॉडीज सेंसस (जलस्रोत गणना) रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में उत्तराखंड की स्थिति अच्छी नहीं है।
प्रदेश में कुल 3096 जलाशय हैं। इनमें से 2970 ग्रामीण क्षेत्रों (95.9 प्रतिशत) और 126 (4.1 प्रतिशत) शहरी क्षेत्र में हैं। इनमें से 2371 जलाशयों (76.6 प्रतिशत) में ही पानी पाया गया है, जबकि 725 जलाशय (23.4 प्रतिशत) पूरी तरह से सूख चुके हैं। रिपोर्ट में जलाशयों के सूखने का कारण जल प्रदूषण, फैक्ट्रियों से निकलने वाला दूषित पानी, गाद भरने और स्रोतों के सिमटने को बताया गया है। इनमें से बहुत से ऐसे हैं, जिन्हें पुनर्जीवित भी नहीं किया जा सकता है। कई जलाशयों में अतिक्रमण हो चुका है।
सरकार की संपत्ति में दर्ज हैं 2361 जलाशय
प्रदेश के 2361 जलाशय सरकारी संपत्ति में दर्ज हैं, जिनका उपयोग सार्वजनिक रूप से किया जाता है। ये सभी पंचायतों के अधीन हैं, जबकि 735 जलाशय निजी संपत्ति में दर्ज हैं, जो किसानों के नाम हैं।