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वॉर्नर-स्मिथ के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड शानदार, जानें क्यों ओवल में अश्विन-जडेजा का खेलना जरूरी

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें तैयारी में जुटी हुई हैं। दोनों टीमों के कई खिलाड़ी लंबे समय से इस मैच के लिए तैयारी कर रहे हैं। आईपीएल 2023 में भी दोनों टीमों के कई खिलाड़ी खेल रहे थे और अब आईपीएल खत्म हो चुका है। ऐसे में दोनों टीमें सात जून से ओवल में होने वाले मैच के लिए इंग्लैंड पहुंच चुकी हैं और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई हैं। इस बीच भारतीय टीम में अश्विन को मौका देने को लेकर काफी बात हो रही है। कई दिग्गजों का मानना है कि इंग्लैंड की तेज पिच पर अश्विन की जगह शार्दुल ठाकुर को मौका मिलना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि अश्विन जैसा गेंदबाज पिच से मदद का मोहताज नहीं है, वह किसी भी पिच पर बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं। अश्विन के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड बेहद शानदार है। उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ 22 मैच में 114 विकेट झटके हैं। वहीं, बल्ले के साथ 543 रन भी बनाए हैं, जिसमें 62 रन की एक पारी भी शामिल है। वह सात बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं।

वॉर्नर-स्मिथ के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम में शामिल बल्लेबाजों के खिलाफ भी अश्विन का रिकॉर्ड शानदार है। वह डेविड वॉर्नर को 11 बार आउट कर चुके हैं, जबकि उनके खिलाफ सिर्फ 194 रन दिए हैं। वहीं, उस्मान ख्वाजा के खिलाफ उन्होंने 99 रन दिए हैं और चार बार उनका शिकार किया है। स्टीव स्मिथ को भी वह आठ बार आउट कर चुके हैं, जबकि एलेक्स कैरी के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 25 रन दिए हैं और पांच बार उन्हें आउट किया है। ऑस्ट्रेलिया की टीम में शामिल बल्लेबाजों में सिर्फ लाबुशेन और स्मिथ ही ऐसे हैं, जिनका औसत अश्विन के खिलाफ 50 से ज्यादा है। वहीं, ट्रेविस हेड का औसत 41.7 और कैमरून ग्रीन का औसत 38 का है। एलेक्स कैरी तो अश्विन के खिलाफ सिर्फ पांच रन बनाकर आउट हो जाते हैं।इंग्लैंड में भी रिकॉर्ड बेहतरीन
इंग्लैंड की धरती में भी रविचंद्रन अश्विन का रिकॉर्ड शानदार है। वह यहां सात टेस्ट मैच में 18 विकेट ले चुके हैं और 261 रन बना चुके हैं। हालांकि, यहां वह कोई अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं। उनका सबसे बेहतर स्कोर नाबाद 46 रन है। ऑस्ट्रेलियाई टीम में चार प्रमुख बल्लेबाज बाएं हाथ के हैं और सभी का रिकॉर्ड अश्विन के खिलाफ कुछ खास नहीं है। सिर्फ ट्रेविस हेड ही हैं, जिनका औसत अश्विन के खिलाफ 25 से ज्यादा है। ऐसे में अश्विन भारतीय टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।
अश्विन-जडेजा का खेलना क्यों जरूरी?
इंग्लैंड के ओवल में तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। ऐसे में सभी टीमें चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतर सकती हैं। भारतीय टीम में मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज और उमेश यादव का खेलना तय है। अगर चौथे तेज गेंदबाज को मौका मिलता है तो शार्दुल ठाकुर या जयदेव उनादकट खेल सकते हैं। अगर भारतीय टीम तीन तेज गेंदबाजों को मौका देती है तो अश्विन और जडेजा दोनों टीम में होंगे।अश्विन और जडेजा बेहतरीन गेंदबाज होने के साथ ही बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकते हैं। दोनों निचले मध्यक्रम में निर्णायक साझेदारी करने की क्षमता रखते हैं। वहीं, गेंदबाजी में दोनों के आंकड़े ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छे हैं। स्पिन गेंदबाज होने के नाते ये दोनों लंबे स्पेल कर सकते हैं। ऐसे में कप्तान रोहित दूसरे छोर से तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की टीम लंबी पारी भी खेलती है तो भारतीय गेंदबाज पूरे दिन तरोताजा रहकर अच्छी गेंदबाजी कर सकते हैं। वहीं, अश्विन और जडेजा एक छोर पर कसी हुई गेंदबाजी करने में भी माहिर हैं। इससे कंगारू बल्लेबाजों पर दबाव बनेगा और वह गलती कर सकते हैं। मैच पांचवें दिन तक जाता है तो स्पिन गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। ऐसे में यह जोड़ी सिर्फ एक सत्र में पूरी कंगारू टीम को समेटने का माद्दा रखती है। इस लिहाज से अगर भारतीय टीम मैच जीतना चाहती है तो अश्विन-जडेजा की जोड़ी इसमें अहम रोल निभा सकती है

 

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