जनता दरबार में नहीं पहुंचे अफसर, सचिव नाराज, डीएम को दिए कार्रवाई के निर्देश
सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव दीपक गैरोला ने सोमवार को ब्लॉक सभागार पहुंचकर जनता दरबार में लोगों से समस्याएं सुनीं। सचिव मंच छोेड़कर ग्रामीणों के बीच जाकर बैठ गए। वहीं उनकी समस्याएं सुनीं। कई शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया। जनता दरबार में कई अधिकारियों के गैरहाजिर होने पर सचिव ने नाराजगी जताई और उनके खिलाफ डीएम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे थे। अधिकतर लोग अलग-अलग गांवों में चल रही जल जीवन मिशन योजना से जुड़ी समस्या लेकर आए थे। सचिव दीपक गैरोला ने जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं। उनके बैठने के लिए मंच बनाया था। लेकिन सचिव सीधे जनता के बीच पहुंचकर सामान्य कुर्सी पर जाकर बैठ गए। अन्य अधिकारियों को भी उनके पास सामान्य सीटों पर बैठना पड़ा। ऐसे में पूरे जनता दरबार कार्यक्रम में मंच खाली पड़ा रहा।
लोगों ने कहा कि कई जगह अभी तक ट्यूबवेल नहीं लगाए गए हैं। ठेकेदार ने पेयजल लाइनों को बिछाने के लिए गांव की सड़कों को खोदकर दोबारा नहीं बनाया है। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से तत्काल समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने जलभराव, फैक्टरियों से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी खुले में डालने और प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की मांग की। सूर्यकांत, आबाद अली, अमित सैनी, कन्हैया, रोहताश ने गांवों की समस्याएं प्रमुखता से उठाई। इस दौरान एसडीएम ब्रिजेश तिवारी, बीडीओ आलोक गार्गे, तहसीलदार प्रताप सिंह चौहान, नायब तहसीलदार सुरेंद्र वर्मा, लेखपाल अजय कपिल, सचिन कुमार, त्रिभवन सिंह, ज्ञानेंद्र पाल आदि मौजूद रहे।