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श्योपुर कृषि मंडी घोटाले में 10 साल बाद इओडब्ल्यू ने 5 लोगों पर एफआइआर दर्ज की

श्योपुर। इओडब्ल्यू भोपाल (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने श्योपुर कृषि मंडी में 2008 कराए गए निर्माण में गड़बड़ी मामले में तत्कालीन मुख्य अभियंता सहित पांच लोगों पर एफआइआर दर्ज की है। अहम बात है, कि पांच में 2 लोगों की मौत भी हो चुकी है। जानकारी के अनुसार भारत सरकार की कृषि विपणन योजना के तहत श्योपुर कृषि मंडी में 7 निर्माण कार्यों की मंजूरी दी थी। 2008 में टेंडर प्रक्रिया की गई। उस समय प्रक्रिया पर भी कई आरोप लगे थे। 2010 में मामले की शिकायत शिवराम शर्मा ने इओडब्ल्यू में दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि मंडी बोर्ड के कार्यपालन यंत्री दिनेश गौड़, मंडी सचिव अनिरूद्धसिंह तोमर ने ठेकेदार मनवीरसिंह चौहान से मिलकर निविदा में हेराफेरी की और 2 करोड़ 6 लाख 2 हजार रुपये का अधिक भुगतान कर गड़बड़ी की है।

इओडब्ल्यू ने 10 साल में शिकायत का सत्यापन कर जांच में शासन का 2 करोड़ 6 लाख रुपये की आर्थिक हानि करना पाया है। इसके बाद इओडब्ल्यू ने मंडी बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता भोपाल अशोक कुमार शर्मा, मंडी बोर्ड के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री दिनेश गौड़, तत्कालीन मंडी सचिव अनिरुद्धसिंह तोमर, ठेकेदार मनवीरसिंह चौहान और नारायणसिंह चौहान के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420, 467, 468, 120बी, भ्रष्टाचार अधिनियम 1998 की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की है। अहम बात है, कि पांच आरोपितों से दिनेश गौड़ और मनवीरसिंह चौहान की मौत हो चुकी है।

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