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हल्द्वानी। वन विभाग हर्बल टूरिज्म को बढ़ावा देने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत चारधाम रूट पर हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके अलावा वन पंचायतों में भी जड़ी-बूटी के पौधों को लगाने के साथ स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने की योजना है। यह कार्य स्टेट बजट और कैंपा से किया जाएगा।

जैव विविधता की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद समृद्धशाली है। यहां बड़ी संख्या में जड़ी-बूटी मिलती हैं। अब वन विभाग जड़ी-बूटी के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने और टूरिज्म से जोड़ने की योजना बना रहा है। इसके जरिये वन पंचायतों की आजीविका बढ़ाने की भी मंशा है। पहले चरण में दो सौ वन पंचायतों का चयन किया गया है। यहां जड़ी-बूटी की प्रजातियां लगाई जाएंगी। इसके साथ ही प्रजातियों के बारे में जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके अलावा नेचर ट्रेल, लोगों के बैठने का स्थान, इंटरपेटेशन सेंटर, प्रसाधन समेत अन्य आवश्यक सुविधाओं को जुटाया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटक एक निश्चित शुल्क देकर संबंधित जगह देख सकेंगे। इसके साथ ही जो जड़ी- बूटी तैयार होगी, उसको बिक्री कर भी वन पंचायत आय कर सकेंगी। इससे वन पंचायतों में रहने वाले लोगों की आर्थिकी में सुधार आ सकेगा। अन्य सुविधाओं भी जुटाया जाएगा।

हर्बल टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना पर काम शुरू किया गया है। इसमें दो सौ वन पंचायतों के माध्यम से कार्य होगा। वन अनुसंधान से तकनीकी मदद ली जाएगी। यह कार्य स्टेट बजट और कैंपा के माध्यम से होगा। इसके अलावा चारधाम रूट पर हर्बल गार्डन विकसित करने की योजना है।
-अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक।

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