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नवजात शिशुओं के उपचार में सहायक सिद्ध होगी नियोनेटल ट्रांसपोर्ट

हिमालयन हॉस्पिटल की ओर से नियोनेटल ट्रांसपोर्ट पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और टेलीमेडिसिन पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया।

शनिवार को नियोनेटोलॉजी एवं बाल रोग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में नियोनेटल ट्रांसपोर्ट पर हुई कार्यशाला का उद्घाटन महानिदेशक शैक्षणिक विकास डाॅ. विजेंद्र चौहान ने किया। उन्होंने कहा कि नियोनेटल ट्रांसपोर्ट नवजात शिशुओं को गंभीर बीमारियों के उपचार एवं उचित देखभाल में सहायक सिद्ध होगी। हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डाॅ. अशोक देवरारी ने नवजात की देखभाल में सुधार के प्रयास का हिस्सा बनने के लिए आयोजन टीम को बधाई दी।

डॉ. प्रकाश केशवैया ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी से नवजात शिशुओं के इलाज और परिवहन में काफी मदद मिलेगी। इस दौरान नवजात परिवहन पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। पुस्तक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और टेलीमेडिसिन की अवधारणाओं और उपयोग सहित नवजात परिवहन में सुधार के लिए सभी प्रासंगिक जानकारी शामिल है। प्रोफेसर अनिल रावत, डॉ. सनोबर वसीम, डॉ. सैकत पात्रा, डॉ. चिन्मय चेतन और डॉ. राकेश कुमार ने प्रतिभागियों को नवजात परिवहन के बुनियादी से लेकर उन्नत पहलुओं की जानकारी दी।

कार्यक्रम संयोजक डाॅ. गिरीश गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में 67 प्रतिभागी शामिल हुए। इस दौरान डॉ. नितिका अग्रवाल, डॉ. यासिर अहमद लोन, डॉ. मंजू केदारनाथ, डॉ. आयशा इमरान, डॉ. सूरज सिंह, डॉ. प्राची, डॉ. ब्रजेंद्र, इंदु, किरण, डॉ. आरएस सैनी, डा. दिनेश चंद्र जोशी, डा. सुनील सैनी, दीपक आदि उपस्थित रहे

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