प्राथमिक जांच में मानकों पर उतरे खरे दून के सभी सात एसटीपी
चमोली हादसे के बाद दून के सभी सात एसटीपी की भी युद्धस्तर पर जांच शुरू हो गई है। यूपीसीएल और विद्युत सुरक्षा विभाग से जल संस्थान इनकी जांच करवा रहा है। कारगी स्थित 68 एमएलडी और मोथरोवाला स्थित 20-20 एमएलडी समेत पांच एसटीपी की जांच हो चुकी है। बाकी के दो एसटीपी की जांच भी जारी है। दावा है कि प्राथमिक जांच में सभी एसटीपी मानकों पर खरे उतरे हैं। दरअसल, चमोली में नमामि गंगे योजना के एसटीपी में करंट से हुई 16 लोगों की मौत के बाद प्रदेशभर में ऐसे प्लांट के मानकों पर सवाल उठने लगे हैं। सरकार ने जल संस्थान और ऊर्जा निगम को सभी एसटीपी की जांच के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत दून में स्थित सातों एसटीपी की जांच भी चल रही है। सबसे बड़ा एसटीपी कारगी में है। इसकी क्षमता 68 एमएलडी है। वहीं, मोथरोवाला में 20-20 एमएडी के दो, सालावाला, विजय कॉलोनी, जाखन में छोटे-छोटे तीन और इंदिरानगर में पांच एमएलडी का एसटीपी है।
68 एमएलडी, 20-20 एमएलडी, 0.42 और 0.51 एमलडी के पांच एसटीपी की जांच पूरी हो गई है। विभागों का दावा है कि प्राथमिक जांच में इनमें कोई खामियां नजर नहीं आईं। सभी एसटीपी में मानकों के अनुरूप विद्युत सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट ने बताया, उनके अंडर में कारगी, मोथरोवाला, सालावाला और विजय कॉलोनी के एसटीपी हैं। सभी की जांच करवाई जा चुकी है। वहीं, यूपीसीएल साउथ के अधिशासी अभियंता प्रवेश कुमार ने बताया, एसटीपी की जांच में विद्युत सुरक्षा को लेकर कोई खामी नजर नहीं आई है। वैसे भी दून में सभी एसटीपी की समय-समय पर जांच की जाती है।