एमडीडीए (मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण) की ओर से विस्थापित निर्मल ब्लॉक क्षेत्र में ताबड़तोड़ सीलिंग की कार्रवाई की गई। बुधवार को 10 निर्माणाधीन अवैध इमारतों को सील किया गया। वहीं, एमडीडीए ने अब तक बिना मानचित्र स्वीकृत 36 निर्माणों को सील कर दिया है। 65 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं।
विस्थापित क्षेत्र के मूल विस्थापित लोगों ने अपनी जरूरत के अनुसार कुछ जमीन दूसरों को बेची हैं। जिनमें अब बहुमंजिला निर्माण हो रहे हैं। क्षेत्र में दाखिला खारिज (मालिकाना हक) न होने के कारण उक्त क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के हिसाब से निर्माणाधीन इमारतें अवैध हैं। विस्थापित जनकल्याण समिति की ओर से बहुमंजिला भवनों के निर्माण को लेकर न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। न्यायालय ने उक्त मामले में हस्तक्षेप करते हुए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। जिसके बाद प्राधिकरण ताबड़तोड़ सीलिंग की कार्रवाई कर रहा है।
विस्थापित जन कल्याण समिति की ओर से 2018 में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें विस्थापित क्षेत्र में बन रही बहुमंजिला इमारतों पर रोक लगाने के साथ ही ध्वस्तीकरण करने की न्यायालय से अपील की गई थी। न्यायालय ने 2019 में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए विस्थापित क्षेत्र के निर्माण पर रोक लगाने के साथ ही यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। बावजूद इसके अवैध निर्माण नहीं रुके। 2019 में न्यायालय के आदेश के बावजूद निर्माण बंद नहीं होने पर विस्थापित जन कल्याण समिति की ओर से फिर याचिका दायर की गई। जिसमें 12 जुलाई को न्यायालय ने एमडीडीए से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
विभिन्न चरणों में कुल 36 निर्माण सील
20 जुलाई को प्रथम चरण की कार्रवाई करते हुए छह निर्माण सील किए गए। वहीं, 25 जुलाई को दूसरे चरण में आठ और 28 जुलाई को तीसरे चरण में 12 निर्माण सील किए गए। जबकि बुधवार दो अगस्त को हुई कार्रवाई में 10 निर्माणों पर सील किया गया।
बिना मानचित्र स्वीकृत कराए अभी तक कुल 36 अवैध निर्माण सील किए गए हैं। जिनमें बुधवार को हुई कार्रवाई में सील हुए 10 निर्माण भी शामिल है। प्राधिकरण की कार्रवाई लगातार जारी है। – एमके जोशी, अधिशासी अभियंता, एमडीडीए