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102 कॉलेजों में मेरिट से दाखिलों पर मंत्रालय और यूजीसी का इन्कार, 60 फीसदी सीटें खाली

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध 102 कॉलेजों में सीयूईटी के बजाए 12वीं के अंकों की मेरिट से दाखिलों से शिक्षा मंत्रालय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इन्कार कर दिया है। विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने  जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह नियमों से बंधे हुए हैं। दरअसल, इस साल गढ़वाल विवि के साथ ही सभी संबद्ध कॉलेजों में भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से दाखिलों की अनिवार्यता की गई थी। इस वजह से विवि को भी पूरी संख्या में छात्र नहीं मिल पाए।

संबद्ध कॉलेजों में तो स्नातक की 60 फीसदी सीटें खाली पड़ी हैं। इन सीटों पर बड़ी संख्या में छात्र संगठन व निजी कॉलेज संचालक 12वीं के अंकों की मेरिट पर दाखिले की मांग कर रहे हैं। राजधानी दून सहित गढ़वाल मंडल के कई जिलों में छात्र सीयूईटी के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। उनकी मांग है कि इस साल 12वीं के अंकों की मेरिट पर दाखिलों का मौका दिया जाए बातचीत में गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा, हम केंद्र सरकार के नियमों से बंधे हुए हैं। छात्रों की ओर से आए प्रस्तावों को शामिल करते हुए उन्होंने शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी को 12वीं के अंकों के आधार पर दाखिले का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन दोनों ने ही इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।

प्रो. नौटियाल ने कहा कि वह अपने स्तर से इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले सकते, क्योंकि नई शिक्षा नीति के तहत सीयूईटी का प्रावधान किया गया है। विवि से संबद्ध 102 कॉलेजों में 10 अशासकीय, 72 निजी और करीब 20 बीएड कॉलेज शामिल हैं। बीएड में भी सीयूईटी के आधार पर दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

राजधानी में गढ़वाल विवि से संबद्ध चार अशासकीय महाविद्यालयों में ही ग्रेजुएशन की आधी से ज्यादा सीटें खाली हैं। डीएवी कॉलेज में 3,815 में से 2,102 सीटें भरी हैं। डीबीएस में 860 में से 320 भर गई हैं। एमकेपी में 1,380 में से महज 75 भरी हैं। एसजीआरआर में 645 में से 250 सीटें ही भरी हैं। निजी कॉलेजों में तो कई कोर्स ऐसे हैं, जिनमें एक या दो ही दाखिले हो पाए हैं।
गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का कहना है कि केंद्रीय विवि में दाखिलों में पहले से ही 50 प्रतिशत आरक्षण तय है। ऐसे में मूल निवास प्रमाणपत्र पर पांच प्रतिशत आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। छात्र इस पर पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।इ
गढ़वाल विवि कुलपति प्रो. नौटियाल ने कहा, कॉलेज चाहते तो सीयूईटी से छूट का लाभ ले सकते थे। इसके लिए उन्हें राज्य विवि में जाना पड़ता। जब वह गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध हैं, तो नियम भी हमारे ही मानने होंगे।

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