देहरादून एयरपोर्ट को एसीआई ने दी लेवल-दो की मान्यता, कार्बन डाइऑक्साइड कम करने की दिशा में उपलब्धि
जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को मैप करने (आंकने) और कम करने पर देहरादून हवाई अड्डे को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) ने लेवल दो की मान्यता दी गई है।
एयरपोर्ट कार्बन प्रत्यायन हवाई अड्डा उद्योग में कार्बन प्रबंधन के लिए वैश्विक मानक है। एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) का एयरपोर्ट कार्बन एक्रीडिटेशन (एसीए) हवाई अड्डों के लिए एक वैश्विक कार्बन प्रबंधन कार्यक्रम है। जिसमें कार्बन फुटप्रिंट को मापने, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को प्रतिबंधित करने और कम करने के लिए हवाई अड्डों द्वारा किए गए प्रयासों का आंकलन कर मान्यता प्रदान करता है।
एयरपोर्ट द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करने वाले गतिविधियों जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम करके नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, हाइड्रो पॉवर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग करके इन मान्यता स्तरों को अर्जित किया जा सकता है।
एसीआई एयरपोर्ट कार्बन प्रत्यायन कार्यक्रम 2009 में शुरू किया गया था। शुरू में इसके चार स्तर थे। लेवल एक- मैपिंग, लेवल दो- कमी, लेवल तीन- अनुकूलन, लेवल तीन प्लस- तटस्थता है। देहरादून हवाई अड्डे को इसमें लेवल दो की मान्यता एसीआई द्वारा दी गई है। एक साल पहले तक देहरादून एयरपोर्ट लेवल एक की मान्यता मिली हुई थी।
भारत सरकार की विभिन्न पहलों और एयरपोर्ट कार्बन प्रत्यायन दिशा-निर्देशों का पालन करके 2030 तक देश के एयरपोर्ट को शून्य कार्बन उत्सर्जन तक लाना है। जिसमें हवाई अड्डे पर अन्य ऊर्जा कुशल और पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधा, अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी), ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था, उन्नत ईंधन हाइड्रेंट सिस्टम, ब्रिज माउंटेड उपकरण (बीएमई) शामिल हैं।
देहरादून हवाई अड्डे को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) ने लेवल दो की मान्यता दी है। एक साल पहले तक लेवल एक की मान्यता मिली हुई थी। अब उनका प्रयास लेवल तीन के लिए रहेगा। – प्रभाकर मिश्रा एयरपोर्ट निदेशक