कायल गांव के लिए सड़क निर्माण कार्य शुरू
लोहाघाट (चंपावत)। आबादी के 76 वर्ष बाद नेपाल सीमा से लगे कायल गांव के लोगों का सड़क का सपना पूरा होने वाला है। ग्रामीणों की सुविधा के लिए जिला योजना से बीस लाख रुपये लागत से तीन किमी लंबी सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे गांव में रहने वाले करीब 45 परिवारों में खुशी का माहौल है। गांव के लिए सड़क न होने के कारण गर्भवती, बुजुर्गों, बीमारों, घायलों को डोली से ले जाने में दिक्कत होती थी। पैदल पांच किमी चलने में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता था। पांचवीं कक्षा के बाद जंगल के दुर्गम रास्तों से अपने बच्चों को दूसरे गांव के स्कूल भेजने में अभिभावक डरते थे। गांव की भूमि उपजाऊ होने के कारण यहां गहत, मंडुवा, आम का उत्पादन काफी होता है। उपज को सर बोझ से सड़क तक लाने में किसानों को परेशानी होती थी। इस कारण लोगों का खेती की ओर रुझान भी कम हो गया था। इस समस्या को सुलझाने के लिए जिला पंचायत ने सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
लंबे समय से गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग की जा रही थी। गांव के लिए सड़क बनने से लोगों में काफी खुशी है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि सड़क से उन्हें काफी सुविधा मिल सकेगी। बीमार, बुजुर्गों, घायलों, गर्भवतियों को डोली से ले जाने की मजबूरी से निजात मिलेगी। – मोहन सिंह, ग्राम प्रधान, कायल।
बीस लाख रुपये की जिला योजना में डुंगरा से कायल के लिए तीन किमी लंबी सड़क बननी प्रस्तावित है। इसके तहत टांडी सिमैला तक करीब एक किमी लंबी सड़क की कटिंग का कार्य पूरा कर दिया गया है। समय पर निर्माण कार्य पूरा करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। – अशोक महर, जेई, जिला पंचायत, चंपावत।