बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान आज, पांच प्रत्याशियों के बीच चुनावी जंग जारी
बागेश्वर: अनुसूचित जाति आरक्षित बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आज मतदान होगा। यहां मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच सिमटा नजर आ रहा है। चुनाव मैदान में उत्तराखंड क्रांति दल, समाजवादी पार्टी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रत्याशी भी हैं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन से रिक्त हुई सीट पर भाजपा ने उनकी पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) छोड़कर आए बंसत कुमार पर दांव लगाया है। मतदान के लिए 188 पोलिंग बूथों पर मतदानकर्मी सोमवार को ही पहुंच गए हैं
विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,17,973 मतदाता है। मतदान सुबह सात से शाम पांच बजे तक होगा और मतगणना आठ सितंबर को होगी। सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने डोर-टू-डोर वोटरों से मुलाकात की।
भाजपा से पार्वती दास, कांग्रेस से बसंत कुमार, उक्रांद से अर्जुन देव, उपपा से भगवत कोहली और सपा से भगवती प्रसाद त्रिकोटी मैदान में हैं। इस उपचुनाव में बसपा और आप से कोई प्रत्याशी नहीं हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि 188 पोलिंग बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। इन बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान के लिए 824 कार्मिक लगाए गए हैं। 15 अतिसंवेदनशील बूथों के लिए माइक्रो आब्जर्वर नियुक्त हैं। पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि पटवारी क्षेत्र में भी रेगुलर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
बागेश्वर उपचुनाव में सहानुभूति की लहर पर सवार भाजपा आखिरकार कड़ी मशक्कत को विवश हो गई। कांग्रेस की रणनीति सत्तारूढ़ दल को उलझाए रखने पर रही। दोनों दलों के बीच जोर-आजमाइश का अंदाजा इससे लग सकता है कि मतदान की तारीख समीप आते-आते विपक्ष की शिकायतों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने भी निर्वाचन आयोग के केंद्रीय पर्यवेक्षक की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए।
इस चुनावी जंग को लेकर उत्साहित कांग्रेस की नजरें अब आज के मतदान पर टिकी है। कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से रिक्त हुई बागेश्वर आरक्षित सीट (अनुसूचित जाति) पर उपचुनाव को कांग्रेस सधी रणनीति के तहत लड़ रही है।
प्रमुख विपक्षी दल ने इस उपचुनाव को लोकसभा चुनाव से पूर्व तैयारी के रूप में लिया है। यही कारण है कि भाजपा के हर दांव की काट के लिए कांग्रेस ने अपनी ओर से कसर नहीं छोड़ी लगातार चार बार इस सीट से विधायक रहे कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन से उपजी सहानुभूति लहर को ध्यान में रखकर भाजपा ने उनकी पत्नी पार्वती देवी को चुनाव मैदान में उतारा। जवाब में कांग्रेस ने उपचुनाव को एकतरफा नहीं होने देने पर जोर लगाया।