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उच्च शिक्षण संस्थान बनाएंगे साझा कृषि-संघ

काशीपुर। कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम संस्थान के इनक्यूबेशन सेंटर (फीड) ने दक्षिण एशिया में कृषि उद्यमिता कंसोर्टियम -2023 आयोजित किया। इसमें कई उच्च शिक्षण संस्थान ‘एग्री-कंसोर्टियम’ (कृषि-संघ) बनाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए।

आईआईएम में आयोजित इस दो दिनी एग्री कंसोर्टियम का उद्देश्य कृषि उद्योग में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों, उद्योग के पेशेवरों के लिए प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, वित्त पोषण, उद्योग की भागीदारी के लिए साझा मंच प्रदान करना था। इसमें देशभर के विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने सैद्धांतिक सहमति बनाई।

भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से ‘फीड’ के माध्यम से समर्थित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ने 10 स्टार्टअप कंपनियों को एक करोड़ साठ लाख रुपये दिए हैं। यह कंपनियां ड्रोन प्रौद्योगिकी, एग्रीकल्चर सप्लाई चेन, खाद्य प्रसंस्करण, हाइड्रोपोनिक्स, वेल्थ टू वेल्थ और एग्री बायोटेक के क्षेत्र में काम कर रहीं हैं।

निदेशक प्रो. कुलभूषण बलूनी ने कहा यह एग्री कंसोर्टियम देश के सदस्य उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से समर्थित एग्री-स्टार्टअप पर जानकारी साझा करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। इससे विभिन्न राज्यों के स्टार्टअप के बीच सहयोग के रास्ते खुलेंगे।

वहीं फीड के निदेशक प्रो. सफल बत्रा ने कहा कि कंसोर्टियम के माध्यम से हम स्टार्टअप इको सिस्टम के लिए नॉलेज पूल तैयार कर रहे हैं। इससे हम कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्टार्टअप के विकास में सहायक हो सकेंगे। यह जानकारी नीति निर्माताओं और सरकार के साथ साझा की जाएगी।

यह संस्थान हुए सहमत
कंसोर्टियम में सहमति जताने वालों में आईजीकेवी-रायपुर, सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय, आईवीआरआई बरेली, पूसा कृषि, नई दिल्ली, जीबी पंत विश्वविद्यालय, निफ्टम सोनीपत, वीसीएसजी उत्तराखंड वनस्पति और बागवानी विश्वविद्यालय, भरसर, उत्तराखंड, सीसीएस नियाम जयपुर शामिल थे।

इन तीन बिंदुओं पर बनी सहमति
कंसोर्टियम के दौरान एचईआई और विश्वविद्यालयों के बीच तीन चरणों के साथ एक सैद्धांतिक सहमति बनी। इनमें पहला कंसोर्टियम सदस्यों के बीच स्टार्टअप डाटाबेस को साझा करना। दूसरा स्टार्टअप सहायता कार्यक्रमों का प्रसारण और तीसरा प्लेटफार्म पर नेटवर्किंग और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

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