ब्रेस्ट फीडिंग के सही तरीके की जानकारी जरूरी
एम्स के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन नर्सिंग एजुकेशन एंड रिसर्च (सीईएनईआर) और ब्रेस्ट फीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (बीपीएनआई) की संयुक्त पहल पर स्तनपान और छोटे बच्चे के फीडिंग काउंसलर विषय पर एक सप्ताह का सर्टिफिकेट प्रशिक्षण आयोजित किया गया। सर्टिफिकेट कोर्स में देशभर के नौ राज्यों के 24 प्रतिभागी शामिल हुए। विशेषज्ञों ने कहा कि ब्रेस्ट फीडिंग के सही तरीके की जानकारी जरूरी है। एम्स में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में ब्रेस्ट फीडिंग के लिए चार अहम बिंदुओं को शामिल किया गया। जिसके तहत स्तनपान के लिए समर्थन कौशल पूरक आहार, एचआईवी और शिशु आहार और विशेष रूप से दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे के विकास की निगरानी पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं के लिए ब्रेस्ट फीडिंग के सही तरीके का प्रशिक्षण नितांत आवश्यक है, तभी हम अपने बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि नर्सिंग एवं एमबीबीएस कोर्स में सभी विद्यार्थियों के लिए इस विषय का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया गया है। संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान ही महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के सही तौर तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जिससे डिलीवरी के बाद महिला अपने बच्चे को बेहतर तरीके से स्तनपान करा सके।