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समय और बीज का रखें ध्यान, अच्छी होगी प्याज की पैदावार

बागेश्वर। कृषि विज्ञान केंद्र काफलीगैर में प्याज की उन्नत उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। किसानों को प्याज की नर्सरी तैयार करते समय ध्यान रखी जाने वाली बातों की जानकारी दी गई। खेत में ले जाकर प्याज की नर्सरी तैयार करने की व्यावहारिक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉ. कमल कुमार पांडेय ने बताया कि पहाड़ों में प्याज की अच्छी पैदावार के लिए बीज की किस्म और बुवाई के समय का ध्यान रखना जरूरी है। जिले में लगाने के लिए प्याज की सबसे उत्तम किस्में वीएल प्याज तीन और एग्री फाउंड लाइट रेड हैं। पर्वतीय क्षेत्र में नासिक रेड या नाफेड 53 प्याज लगाने से अच्छी उपज नहीं मिलती है। प्याज की नर्सरी तैयार करने का सही समय 15 अक्तूबर से शुरू होता है और नर्सरी में तैयार पौध को 15 दिसंबर के आसपास खेत में लगाना चाहिए। प्याज की नर्सरी ऊंची मुंडेर वाली क्यारियों में पांच सेमी की दूरी के अनुसार लाइन बनाकर की जानी चाहिए। एक नाली खेत में प्याज की नर्सरी तैयार करने के लिए 200 ग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। तैयार पौध को लगाते समय लाइन की दूरी 15 सेमी और पौधों के बीच की दूरी 10 सेमी होनी अनिवार्य है। उन्होंने प्याज के पौधे में बीमारी लगने पर विशेषज्ञ की सलाह से ही रसायन का इस्तेमाल करने के लिए कहा। प्रशिक्षण में आए किसानों को प्याज का बीज भी दिया गया। प्रशिक्षण में लोब, उडेरखानी, भटखोला, नाघर, सिमस्यारी और चनौली गांव के 40 किसानों ने भागीदारी की।

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